वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कायदी में विवाद की स्थिति रुकने का नाम नहीं दे रही है। जहां पर 13 अगस्त को पंचायत की बैठक में फिर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। जिसको लेकर दोनों पक्षों के द्वारा एसडीएम एवं जनपद सीईओ को ज्ञापन सौंप कर पक्ष के द्वारा सचिव द्वारा प्रस्ताव लेने एवं विपक्ष के द्वारा सचिव पर कार्यवाही करने की मांग की गई है। इस दौरान पंचायत की बैठक में आदर्श आचार संहिता के प्रभाव को लेकर विवाद हुआ।
यह है मामला
ग्राम पंचायत का कायदी में स्थानापन्न सरपंच के नेतृत्व में सचिव के द्वारा ग्राम विकास के विषय को लेकर 13 अगस्त को बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें पक्ष के सभी पंच उपस्थित थे कोरम पूरा हो गया था और बैठक चालू हुई थी तभी विपक्ष के पंच बैठक में पहुंचे और उनके द्वारा बैठक निरस्त करने के लिए सचिव से कहा गया कि आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है तुम कैसे बैठक बुला सकते हो। इस दौरान विवाद बढ़ता देख सचिव मौके से जनपद पंचायत आ गया इसके बाद दोनों पक्षों के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत वारासिवनी से चर्चा की गई।परंतु स्पष्ट कुछ नहीं हो पाया और बैठक भी भंग हो गई इसके बाद पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने जनपद कार्यालय एवं एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौपा गया। जिसमें पक्ष के द्वारा ज्ञापन में बताया गया है कि ग्राम पंचायत भवन में मासिक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें सभी पंच उपस्थित थे। किंतु विपक्ष के पंचों के द्वारा आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रस्ताव नहीं लिखने के लिए विवाद किया गया। जिसके बाद सचिव मजबूर होकर जनपद पहुंच गए उच्च अधिकारी और जनपद सीईओ से मिलने के बाद भी उनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। इनके द्वारा पक्षपात पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है जो निंदनीय है हम चाहते हैं कि सचिव के द्वारा प्रस्ताव लिए जाये। वहीं विपक्ष के द्वारा ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम पंचायत कायदी में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश पर सरपंच एवं उपसरपंच पांच वार्ड नंबर 3 पद रिक्त हुआ है। क्योंकि मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा पंचायत के उप निर्वाचन कार्यक्रम वर्ष 2024 का प्रकाशन कर दिया गया है। ऐसे में ग्राम कायदी में पदस्थ सचिव नरेंद्र ठाकरे के द्वारा अपनी मनमर्जी से बैठक की कार्यवाही की गई है इस प्रकार आदर्श आचार संहिता लगने के पश्चात भी बैठक की कार्यवाही सचिव के द्वारा की गई। इस कार्यवाही को शून्य घोषित कर सचिव नरेंद्र ठाकरे पर कार्यवाही की जाने की मांग की गई है।
स्थानापन्न सरपंच पुस्तकला माहुले ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि पंचायत में बैठक रखी गई थी निर्माण कार्य विधायक निधि से प्राप्त कार्य के प्रस्ताव लेना था। परंतु विपक्ष ने आचार संहिता का दबाव बनाएं जिस पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मामला विवादित होते ही सचिव को वापस बुला लिया। हमने चर्चा करें तो जनपद सीईओ को खुद नहीं पता है कि आचार संहिता लगी है या नहीं लगी है क्योंकि उनका कहना है लिखित में मेरे पास कोई आदेश नहीं है।
पंच धर्मसिंह राजपूत ने बताया कि जब से चुनाव हुआ है जनपद सीईओ ग्राम पंचायत को गुमराह कर रही है सचिव को कभी आचार संहिता बताती है कभी बैठक लेने बोलती है और कभी वापस बुला लेती है। हमें लगता है कि विपक्ष को यह मैडम अप्रत्यक्ष रूप से साथ दे रही है इनकी अहम भूमिका ग्राम को गुमराह करने की है। बैठक रखी गई थी जिसमें कई प्रस्ताव लिखे जाने थे परंतु उस समय इन्होंने सचिव को बुला लिया ऐसे में ग्राम का विकास और सभी प्रकार के काम जिनका प्रस्ताव लेना था वह प्रभावित हो रहा है। जनपद सीईओ के कारण हमारा विकास बाधित हो रहा है।
पंच चंद्रभानसिंह सोनबीरसे से ने बताया कि हमने आज ज्ञापन दिया है कि निर्वाचन आयोग मध्य प्रदेश के द्वारा उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है। कायदे के वार्ड नंबर 3 में चुनाव होना है परंतु सचिव ने अनायास बैठक रखी जिसे हम विरोध करते हैं। जबकि चुनाव होना है और मासिक बैठक महीने में एक बार होती है यह हर 3 दिन में बैठक रख रहा है ग्राम के लोग नहीं आ पाते हैं। हम यही चाहते हैं कि जो भी आज प्रस्ताव लिया गया या जो भी कार्यवाही की गई है उसे शून्य घोषित की जाये।