कोपे के पूर्व सरपंच पर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, कार्यवाही करने की मांग की

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जनपद पंचायत लालबर्रा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कोपे निवासी बाबा नरेश बंसोड़ के द्वारा १९ जून २०१८ को पूर्व सरपंच श्रीमती सुनीता घरड़े व तत्कालीन सचिव पर निर्माण कार्यों में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन व सीएम हेल्पलाईन मेेंं शिकायत कर मामले की जांच कर दोषियो पर कार्यवाही करने की मांग की थी। जिस पर जिला प्रशासन के द्वारा उक्त शिकायत की जांच के लिए जनपद पंचायत लालबर्रा से टीम गठित की गई थी जिसमें खण्ड पंचायत अधिकारी एमएल उइके, उपयंत्री एसके रावतकर व पीसीओं पुरूषोत्तम भोयरकर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था इनके द्वारा मामले की जांच कर जिला प्रशासन को जानकारी भेजी गई थी परन्तु शिकायतकर्ता उक्त जांच से संतुष्ट नही होने के कारण उसने पुन: सीएम हेल्पलाईन में शिकायत कर दी। जिसकी जांच के लिए १६ जुलाई २०२२ को जांच अधिकारी अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी रूपेश इवने व उपयंत्री एसके रावतकर जांच स्थल पहुंचे जहां उनके द्वारा शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच की गई जिसमें तथ्यों के आधार पर शिकायत सही पाई गई। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों प्रेषित किया गया है परन्तु ५ माह बित जाने के बाद भी उच्चाधिकारियों के द्वारा दोषियों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नही की जा रही है जिससे शिकायतकर्ता मानसिक रूप से परेशान होकर न्याय पाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है।

इन कार्योंकी शिकायत की गई है

ग्राम पंचायत कोपे में पूर्व सरपंच श्रीमती घरड़े के द्वारा वर्ष २०१६ से २०२० के बीच में पंचायत क्षेत्र में किये गये कार्यों में अनियमितता बरतते हुए शासकीय राशियों का दुरूपयोग करने की शिकायत शिकायतकर्ता बाबा नरेश बंसोड़ के द्वारा वर्ष २०१८ में की गई थी जिसमें बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य बौध्द विहार, गार्डन निर्माण कार्य में ६ लाख में से ४,६६,३३४ रूपये व्यय किया गया है, नहर मरम्मत कार्य में वृक्षारोपण कार्य, वार्ड नं. १३ की सीसी रोड़, पीडब्ल्यूडी रोड़ प्रकाश घरड़े व रतनलाल बोरीकर के घर तक सीसी सड़क निर्माण कार्य की शिकायत की गई थी जिसमें बिन्दुवार जांच की गई तो जांच अधिकारियों ने अधिकांश शिकायत को सही पाया है जिसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी गई है परन्तु शिकायत की जांच हुए ५ माह बित जाने के बाद भी पूर्व सरपंच श्रीमती सुनीता बंसोड़, तत्कालीन सचिव, पूर्व के जांच अधिकारी एमएल उइके, पीसीओं पर अब तक कोई कार्यवाही नही की गई है।

पूर्व सरपंच, सचिव व भ्रष्टाचार को छुपाने वालों पर की जाये दण्डात्मक कार्यवाही – नरेश

शिकायतकर्ता कोपे निवासी बाबा नरेश बंसोड़ ने बताया कि मेरे द्वारा विगत ४ वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत कोपे में किये गये निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमिता एवं भ्रष्टाचार के कार्योंको उजागर करने के लिए शिकायत की गई थी परन्तु जनपद पंचायत लालबर्रा के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा हमेशा शिकायत पर पर्दा डालकर आरोपी को बचाने का कार्य किया गया है साथ ही पूर्व सरपंच व उनके पति के द्वारा मुझे और मेरे पुत्र को झूठे केस में फसाकर जेल भी पहुंचा दिया गया था। श्री बंसोड़ ने बताया कि ग्राम पंचायत कोपे में मनरेगा योजना के तहत लाखों रूपयों की लागत से गार्डन, नहर मरम्मत कार्य करवाया गया है जिसमें फर्जी हाजिरी भरकर राशि का आहरण किया गया है साथ ही यह भी बताया कि जंगल में सड़क का निर्माण निजि भूमि पर बना कर राशि का दुरूपयोग किया गया है इस तरह पूर्व सरपंच श्रीमती सुनीता घरड़े व तत्कालीन सचिव के द्वारा ८ से १० लाख रूपये का गबन किया गया है सहित अन्य निर्माण कार्यों में भी अनियमिता बरतते हुए लाखों रूपये का गबन का भ्रष्टाचार किया गया है। श्री बंसोड़ ने बताया कि जो शिकायत की जांच के लिए जनपद पंचायत से जांच टीम गठित की गई थी उन अधिकारियों के द्वारा जांच ठीक से न करते हुए भ्रष्टाचार को दबाने का कार्य किया गया उक्त जांच से संतुष्ट न होने के बाद पुन: १८१ में शिकायत की गई थी जिसके बाद दोबारा जांच अधिकारी श्री इवने जी के द्वारा शिकायत की जांच की गई और उन्होने मेरे द्वारा की गई शिकायत को सही पाया है एवं जांच रिपोर्ट १६ जुलाई २०२२ को जिला प्रशासन को प्रेषित कर दिया गया है परन्तु ५ माह बित जाने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नही की गई है शासन-प्रशासन से मांग है कि पूर्व सरपंच, तत्कालीन सचिव एवं जिन अधिकारियों भ्रष्टाचार को छुपाने में साथ दिया है उन पर दण्डात्मक कार्यवाही कर गबन की राशि वसूली जाये।

चर्चा में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी रूपेश इवने ने बताया कि कोपे निवासी बाबा नरेश बंसोड़ ने पूर्व सरपंच के द्वारा किये गये निर्माण कार्योंमें बरती गई अनियमितता की शिकायत सीएम हेल्पलाईन में की थी जिसकी जांच मेरे द्वारा किया गया जिसमें कुछ शिकायत सही पाया गया है जिसकी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिया गया है।

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