कोविड-19 को लेकर परीक्षा के आयोजन को लेकर चल रहा गहन मंथन

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सीबीएसई 12वीं की परीक्षाओं के आयोजन को लेकर जहां एक और सरकार कशमकश की स्थिति में है वहीं दूसरी और छात्रों में भी इस परीक्षा के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है यदि प्रदेश स्तर की बात करें तो विभिन्न राज्यों के काफी छात्रों ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा के आयोजन को और रद्द करने के लिए आवाज उठाई है वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी परीक्षा को रद्द किए जाने के लिए याचिका दायर की गई है जिसकी सुनवाई 31 मई को होनी है।

इस अहम मुद्दे को लेकर पद्मेश न्यूज़ टीम के द्वारा सीबीएसई 12वीं के छात्राओं परिजनों और शिक्षाविदों से चर्चा करते हुए उनसे राय जानने चाही तो सभी ने कक्षा बारहवीं को छात्रों का भविष्य तय करने वाली कक्षा बताते हुए इस परीक्षा को कोविड-19 के तहत शासन स्तर पर बनाई गई गाइडलाइन का पालन करते हुए आयोजन करने का मत दिया और उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वर्तमान स्थिति में परीक्षाओं का आयोजन नहीं होना चाहिए बल्कि अक्टूबर महीने में स्थिति बेहतर होने के बाद ही परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन या ऑफलाइन स्थिति को भांपते हुए आयोजित किया जाना चाहिए।

वही संदर्भ में छात्रा के परिजन आरती मिश्रा ने कहा कि बच्चों ने परीक्षा को लेकर साल भर मेहनत की है यदि कोविड-19 कम होता है तो छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा भी ली जा सकती है उन्होंने कहा कि यदि छात्रों के वैक्सीनेशन पर वर्तमान से ही ध्यान दिया जाए तो दो-तीन महीने में इसकी काफी बेहतर हो सकती है।

चर्चा के दौरान छात्रा प्रणाली ठाकरे ने कहा कि वर्तमान में परिस्थिति खराब है बहुत सारे ऐसे बच्चे भी हैं जो अभी 18 वर्ष पूर्ण नहीं कर पाए हैं और जिन्हें वैक्सीन भी नहीं लगाया जा सकता इसलिए वर्तमान में परीक्षा का आयोजन नहीं होना चाहिए।

प्रणाली ठाकरे के पिता प्रकाश ठाकरे ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अब तक शासन प्रशासन के द्वारा वैक्सीनेशन को लेकर स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया गया है। अब तक छात्र छात्राओं को वैक्सीन लगाना प्रारंभ कर दिया जाना था जिससे वे सुरक्षित होते और बेहतर तरीके से परीक्षा भी दे पाते हैं।

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