जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले में घात लगाकर किए गए आतंकी हमले में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई है। सेना, राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस का इस इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा था, जब ये हमला हुआ। आतंकी घने जंगल होने की वजह से बच निकले। हालांकि, सेना का तलाशी अभियान जारी है। 2022 और 2023 में जम्मू क्षेत्र में 3-3 आतंकी हमले हुए थे, जो इस साल अभी तक ऐसे 6 हमले किए जा चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के पीछे क्या वजह है? आखिर कश्मीर घाटी छोड़कर अब जम्मू को निशाना क्यों बना रहे हैं आतंकी? क्या ये पाकिस्तान और चीन की साजिश है? इन सभी सवालों के जवाब डिफेंस एनालिस्ट से जानेंगे।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के पीछे चीन की साजिश
डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक एनालिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी के अनुसार, इस साल के शुरुआत से दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियां बढ़ गई हैं। इसी साल से अब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। इन दोनों बातों में एक सीधा कनेक्शन है। चीन और पाकिस्तान जान-बूझकर इन इलाकों में आतंकी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। दरअसल, आगामी युद्ध के लिए यह पृष्ठभूमि बनाई जा रही है, ताकि दोनों देश ये अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ये बता सकें कि ये इलाके बेहद अशांति और अस्थिरता थी, इसलिए ये हमले करने पड़े।
चीन अरुणाचल तो पाकिस्तान करेगा कश्मीर पर हमला
लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी बताते हैं कि हांगकांग से प्रकाशित होने वाले चीन के सरकारी अखबार विएन वीपो के अनुसार, अगले 11 सालों में यानी 2035 तक तीन युद्ध होने हैं। इनमें पहली जंग 2027 में ताइवान के साथ होनी है, जब चीन उस पर हमला करेगा। दूसरा हमला 2029 में दक्षिण चीन सागर में स्थित स्पार्टली आईलैंड पर होगा, जो वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया से घिरा हुआ है। यह द्वीप रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है। इसके अलावा, एक हमला चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत पर 2035 में करेंगे। ये टू फ्रंट वॉर होनी है, जिसके तहत चीन अरुणाचल प्रदेश सीमा पर जंग छेड़ेगा और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में लड़ाई लड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर में चीन अपना हित क्यों देख रहा
पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के घाटी के बजाय जम्मू में लगातार किए जा रहे हमलों के पीछे एक वजह चीन का आर्थिक गलियारा जो पीओजेके से गुजर रहा है। चीन के 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर सीपेक (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) प्रोजेक्ट के लिए निवेश हो चुके हैं। चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी शुरुआत 2013 में की गई थी। भारत इस प्रोजेक्ट का विरोध करता आया है, क्योंकि पीओजेके भारत का अभिन्न हिस्सा है।
जम्मू से हिंदुओं को भगाने की साजिश तो नहीं
डिफेंस एनालिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में आतंकी जान-बूझकर हिंदू बहुल जम्मू के इलाकों को निशाना बना रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू की कुल आबादी करीब 15 लाख है और इसमें से 84 फीसदी हिंदू और 7 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। यह भी हो सकता है कि पाकिस्तान अब कश्मीर की तरह जम्मू से भी हिंदुओं को भगाने की साजिश कर रहा हो। 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में महज 2700 से 3400 कश्मीरी पंडित ही रह गए हैं। जबकि 1981 की जनगणना के अनुसार, इस क्षेत्र में करीब 1.25 लाख हिंदू थे। इसमें ज्यादातर पंडित थे। 90 के दशक में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से कश्मीरी पंडितों को साजिशन वहां से जान बचाकर भागना पड़ा।