कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा। शुक्रवार रात में ही सात मरीजों की मौत हुई है। इनमें निगेटिव व पाजिटिव दोनों ही मरीज शामिल हैं। मरने वाले मरीजों में ऐसे भी मरीज शामिल थे, जिन्होंने एक दिन पहले पहले स्वजनों से बात की थी। शनिवार सुबह उनकी मौत की खबर प्रबंधन ने दी। रोते बिलखते स्वजन व्यवस्था की खामियों को कोसते रहे। इधर प्रबंधन निमोनिया से मौत होने का हवाला दे रहा है। मेडिकल कॉलेज डीन के अनुसार निगेटिव मरीजों में निमोनिया संक्रमण भी फैल रहा है। कई बार देरी से पहुंचने के कारण भी मौत संक्रमण फैल जाता है।
एक दिन पहले पिता को किया भर्ती, मौत कैसे
कोविड वार्ड के बाहर सुबह नौ बजे कुंडलेश्वर वार्ड निवासी मरीज राजू परदेसी के परिजन पहुंचे। उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने मौत की खबर दी थी। परिजनों ने रात में अच्छे से बात करने की बात कहीं व सुबह मौत का कारण पूछा। उन्होंने लापरवाही का आरोप लगाया। बेटी व पत्नी ने रोते हुए कहा यहां लाकर गलती कर दी। एक दिन पहले ही भर्ती किया था रिपोर्ट भी नहीं आई। इधर परिजनों ने हंगामा किया जिसके बाद मौके पर एसडीएम ममता खेड़े पहुंची। समझाइश के बाद भी नहीं मानने पर पुलिस ने परिजनों को कोविड केयर सेंटर से दूर खड़ा किया।
वार्ड बदला तब से हुई दिक्कत, बोले ले चलो यहां से
मूंदी के रामदास राठौर को स्वजन हरीश राठौर बताया सात दिन पहले भर्ती किया था। सांस लेने में तकलीफ थी। वे शुक्रवार दोपहर तक ठीक थे। शाम को 403 वार्ड से 203 वार्ड में भर्ती किया। उसके बाद से तबीयत खराब हुई। आक्सीजन को भी हटाया लिया है उन्होंने यह खुद बताया व अस्पताल से ले जाने की बात कही। रात आठ बजे तक बात हुई रात नौ बजे फोन किया लेकिन वे बोल नहीं पा रहे थे। स्वजनों ने बताया रात को लापरवाहीं हो रही है। कोई भी देखने वाला नहीं है।