पदमेश न्यूज़ और बालाघाट एक्सप्रेस की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है। जहा कुछ दिन पूर्व ही जिला अस्पताल में ठंडा पेय जल न मिलने की खबर पदमेश न्यूज़ और बालाघाट एक्सप्रेस अखबार में प्रमुखता से लगाई गई थी। जिसका संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रबंधन ने पैथोलॉजी के बाजू में लगे वाटर कूलर को दुरुस्त करने का काम कराया है। जिसके चलते अब जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजनों को ठंडा पेयजल की सुविधा मिलने लगी है तो वहीं दूसरी ओर इस भीषण गर्मी में उन्हें अपने गले तर करने के लिए पैसा खर्च कर पानी की बोतल खरीदना नहीं पड़ रहा है ।जहां वाटर कूलर दुरुस्त होने और ठंडे पानी की सुविधा मिलने से अब मरीजों और उनके परिजनों को काफी हद तक राहत मिल गई है।
टंकी की समस्या सुलझी तो मशीन में आ गया था फाल्ट
ज्ञात हो कि इसके पूर्व जिला अस्पताल के पैथोलॉजी के पास लगाई गई आरओ मशीन में पानी नहीं होने के चलते लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा था।जिसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित करने पर जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिला अस्पताल में पानी के टैंकर की व्यवस्था कराई गई थी। लेकिन टंकी ना होने के चलते मशीन में पानी भरने की समस्या आ रही थी। जिसकी खबर पुनः प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा आनंन फानन में 03 पानी की टंकी खरीदकर आरो मशीन में पानी भरने की व्यवस्था बनाई गई थी। लेकिन टंकी की व्यवस्था बनाने के बाद मशीन में फाल्ट आ गया था जिसके चलते आरो मशीन से ठंडा पानी की जगह गर्म पानी आ रहा था।जिससे लोगो को 20 की पानी की बोतल या पानी पाउच खरीद कर प्यास बुझानी पड़ रही थी। तो वही अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को कभी ट्रामा सेंटर तो कभी कैंटीन के चक्कर लगाने के लिए मजबूर थे।अब आरो मशीन के फाल्ट को दुरुस्त करने के बाद इस समस्या से छुटकारा मिल गया है ।
महज 250 रु का पंखा बदलने में लग गए 5 दिन
आपको बताएं कि पैथोलॉजी के समीप लगाए गए वाटर कुलर का पंखा खराब हो गया था जिसके चलते मशीन मे कॉम्प्रेसर नहीं बन रहा था।जहा कॉम्प्रेसर नही बनने से आरओ का पानी ठंडा नही हो रहा था। कॉम्प्रेसर न बनने के चलते जिला अस्पताल में लगा यहां आरो इस भीषण गर्मी में गर्म पानी उगल रहा था। जिसके चलते पीने के पानी का उपयोग लोग मुह धोने या फिर झूठे बर्तन साफ करने के लिए कर रहे थे। वही पीने के पानी के लिए उन्हें ट्रामा सेंटर या फिर कैंटीन का सहारा लेना पड़ रहा था। बताया जा रहा है कि आरओ वाटर कूलर का पंखा खराब हो चुका था जिसकी कीमत मार्केट में महज 200 से 250 रु है और इसी 200 से ढाई सौ रुपए का पंखा लगाने में 4 से 5 दिन लग गए और लोगों को ठंडे पानी के लिए काफी परेशान होना पड़ा। जहां शनिवार को जिला अस्पताल पहुंची टेक्निकल टीम ने कुछ ही देर में आरो मशीन खोलकर उसमें नया पंखा फिट कर दिया जिससे मशीन में कॉम्प्रेसर बनने लगा और लोगों को ठंडे पानी की सुविधा मिलनी शुरू हो गई।मैकेनिक ख़र्च जोड़कर 500 से 600 रु खर्च में व्यवस्था दुरुस्त कर हो गई है
4-5 दिन पूर्व ही मैकेनिक को दी गई थी जानकारी- धबड़गाव
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ संजय धवड़गांव ने बताया कि मशीन में फाल्ट आने की जानकारी 4 से 5 दिन पूर्व ही मैकेनिक को दी गई थी।उन्हें शीघ्र मशीन सुधारने को कहा गया था आज मैकेनिक के कर्मचारियों ने आकर आरो मशीन सुधार दी है। जिसके चलते आरो मशीन में पूर्व की भांति ठंडा पानी आने लगा है।यदि मैकेनिक पहले ही आ जाते तो समस्या नही जाती।