गोथरीन बाई की हत्या उसके दो नाती ने अपने दोस्त के साथ मिलकर की थी

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बालाघाट/जिले की गढ़ी पुलिस ने ठाकुरटोला अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए 65 वर्षीय वृद्धा गोथरीन बाई धुर्वे की हत्या करने के आरोप में उसी के दो नाती सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिये। गोथरीन बाई की हत्या उसके दो नाती ने अपने दोस्त के साथ मिलकर पैसों के लेंन देंन को लेकर की थी । गढ़ी पुलिस ने गोथरीन बाई की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार सुनील पिता स्व. हीरालाल धुर्वे 34 वर्ष उसके छोटे भाई राजकुमार पिता स्व. हीरालाल धुर्वे 28 वर्ष दोनो ग्राम बैजलपुर थाना गढ़ी और सुनील पिता शिवप्रसाद कुशरिया 27 वर्ष ग्राम नूनका टोला गढ़ी निवासी को न्यायिक अभिरक्षा में बैहर जेल भिजवा दिये है।

ठाकुर टोला में अकेली रहती थी गोथरीन बाई

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोथरीन बाई मूल रूप से ग्राम बैजलपुर निवासी थी। जो 25-30 साल से अपने पति धीरपाल धुर्वे के साथ ठाकुर टोला में रहकर दोनों पति-पत्नी यहा के पशुपालन विभाग में काम करते थेऔर दोनों यहीं पर बस गये थे। परिवार में एक बेटा और एक बेटी है बेटा हीरालाल धुर्वे की पहले ही मौत हो चुकी है जिसके दो बेटे हैं। गोथरीन बाई की लड़की की लड़की उसके पास रहती थी। किंतु शादी होने के बाद वह अपने ससुराल चली गई थी। हाल ही में गोथरीन बाई अकेली थी और उसके पति धीरपाल धुर्वे मौत हो चुकी थी। गोथरीन बाई को अपने पति और अपनी भी पेंशन मिलती थी।। समय-समय पर ठाकुर टोला गोथरीन बाई के नाती आते जाते रहते थे। और वह खेती किसानी के लिए अपने नाती को रुपए देते रहते थी। 4 अगस्त को गोथरीन बाई अपने नाती सुनील धुर्वे के साथ बैंक गई थी।बैंक में सुनील ने 1लाख 40 हजार रुपये का विड्राल भरा था किंतु गोथरीन बाई ने मना कर दी थी। और सुनील धुर्वे को बोली थी कि तुम लोग रुपये इधर उधर कर देते हो कहकर उसने मात्र 14 हजार रूपये बैंक से निकालकर नाती सुनील धुर्वे को दी थी। सुनील धुर्वे ने ट्रैक्टर फाइनेंस किया था और एजेंसी से ट्रैक्टर की किस्त जमा करने के लिए फोन आ रहे थे। किंतु सुनील धुर्वे के पास क़िस्त का पैसा जमा करने के लिए पैसे नहीं थे।

ट्रैक्टर की किस्त जमा करने रुपए नहीं देने पर की थी हत्या

8 एवं 9 अगस्त की दरमियानी रात ग्राम ठाकुर टोला में गोथरीन बाई की उसी के घर में हत्या कर दी गई थी। थाना प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र पन्द्रों द्वारा गोथरीन बाई की हत्या करने के आरोप में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध हत्या का अपराध दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की गई और जांच विवेचना के दौरान संदेह के आधार पर गोथरीन बाई के नाती सुनील धुर्वे को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई। तब उसने पैसों के लेनदेन को लेकर भाई राजकुमार धुर्वे और दोस्त कुशरिया के साथ मिलकर अपनी दादी गोथरीन बाई की हत्या करना स्वीकार कियेऔर बताएं कि 8 एवं 9 अगस्त की दरमियानी रात को वह अपने भाई राजकुमार धुर्वे और दोस्त सुनील कुसरिया के साथ मोटरसाइकिल में ठाकुर टोला पहुंचे उस समय उसकी दादी गोथरीन बाई घर में सोई हुई थी। राजकुमार ने उसे उठाया घर के अंदर जाने के बाद दादी गोथरीन बाई ट्रैक्टर की किस्त जमा करने के लिए रुपए मांगे किंतु उसने रुपए देने से मना कर दी थी। आवेश में आकर दादी गोथरीन बाई की सर, चेहरे में कुल्हाड़ी से मार कर उसकी हत्या कर दी और वहां से फरार हो गए। गढ़ी पुलिस ने ठाकुर टोला अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए गोथरीन बाई की हत्या करने के आरोप में उसके दो नाती सुनील धुर्वे, राजकुमार धुर्वे और उनके दोस्त सुनील कुसरिया को गिरफ्तार किये। और हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, एक पल्सर मोटरसाइकिल एवं घटना के समय आरोपियों के पहने कपड़े जप्त किए गए। 23 अगस्त को तीनों आरोपियों को बैहर की विद्वान अदालत में पेश कर दिया गया। जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में बैहर जेल भिजवा दिया गया है।

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