बालाघाट विद्वान सत्र न्यायाधीश अमरनाथ केसरवानी की विद्वान अदालत में हत्या के मामले में आरोपी अशोक पिता मेजलाल सिरसाम 29 वर्ष को आजीवन कारावास और 5000रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया। लामता थाने के ग्राम डोंगरबोड़ी निवासी इस आरोपी ने घरेलू विवाद के चलते अपने चाचा की उभारी से मारकर हत्या कर दी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अशोक और उसके चाचा सतनलाल सिर शाम के बीच घरेलू विवाद चल रहा था 1 मार्च 2020 की रात्रि करीब 8 बजे सतनलाल सिरसाम अपने भतीजे अशोक सिरशाम के साथ नये घर में बैठे थे। आपस में बातचीत कर रहे थे।
बातचीत करने के दौरान के दोनों चाचा भतीजे के बीच घरेलू बातों को लेकर विवाद हो गया और अशोक ने उभारी से अपने चाचा सतनलाल की पिटाई कर दिया ।
जिसे लामता के अस्पताल लाकर भर्ती किया गया ।जहां उसकी मौत हो गई। लामता पुलिस ने इस मामले में अशोक के विरुद्ध धारा 302 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर इस अपराध में उसे गिरफ्तार किया और विवेचना उपरांत आरोप पत्र विद्वान अदालत में पेश किए थे।
विद्वान अमरनाथ केशरवानी की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी अशोक के विरुद्ध धारा 302 भादवी के तहत आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा।
जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने आरोपी अशोक सिरशाम को धारा 302 भादवि के तहत आरोप में दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 5000 रुपयेअर्थदंड से दंडित किये। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी










































