चिन्नौर सुगंधित चावल की न सिर्फ बालाघाट जिले में बल्कि समूचे देश में मांग रहती है बालाघाट जिले में चिन्नौर सुगंधित धान परंपरागत तरीके प्राचीन समय से से उगाई जा रही है अब बालाघाट जिले के चिन्नौर चावल को जी आई टैग मिल गया है यह मध्य प्रदेश की कृषि क्षेत्र की पहली जिंस है जिसे जीआई टैग मिला है।
यह जानकारी स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों को देते हुए मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन बालाघाट जिले के चिन्नौर को एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत व्यवसायिक तौर पर प्रमोट कर रहा है जी आई टैग मिलने से बालाघाट जिले को एक नई पहचान मिल गई है।
श्री बिसेन ने बताया कि शासन ने संविधान के अनुच्छेद के तहत यह व्यवस्था व्यवस्था दी है किसी भी भौगोलिक क्षेत्र में जो विशेष उत्पाद होते हैं उनका जी आई टैग होना चाहिए ताकि उन उत्पादों का कोई डुप्लीकेशन ना कर सके। बालाघाट जिले में चिन्नौर की ऐसी किस्म वारासिवनी तहसील में उगाई जाती है, यह जिला चिन्नौर के लिए प्रसिद्ध है जिले में चिन्नौर कायदी कोसते और लैंडेझरी में उगाया जाता है। उन्होंने कहा कि जो ऑर्गेनिक खेती करेगा वही चिन्नौर के उत्पादन में सफल होगा, हमें अब अच्छे एरिया सिलेक्ट करना है किसानों का उत्पादक समूह बनाकर इसको आगे बढ़ाएंगे। जी आई टैकिंग होने से इसे बाहर एक्सपोर्ट कर सकते हैं देश के अन्य राज्यों में बेच सकते हैं जिससे किसानों को आत्मबल मिलेगा।










































