नई दिल्ली : इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के मामले में जांच कमेटी की घोषणा हो गई है। इस मामले में तीन सदस्यों की समिति का गठन किया गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा की। समिति में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के एक-एक जज और एक कानूनविद शामिल होंगे। ओम बिरला ने कहा कि कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जज अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन और कर्नाटक हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट बीवी आचार्य शामिल हैं।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
सदस्यों के नामों की घोषणा से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के तहत हाई कोर्ट के जज के पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस वर्मा को उनके कदाचार के लिए जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव मिला था। बिरला ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के जज वर्मा के खिलाफ शिकायत को उच्च प्रवृति का पाया गया। ऐसे में उक्त न्यायाधीश को हटाने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि संसद को भ्रष्टाचार के इस विषय में एक स्वर में बोलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट से लगा था झटका
इससे पहले 7 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा को बड़ा झटका दिया था। कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया था। यह विवाद तब शुरू हुआ जब 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के नई दिल्ली स्थित आवास के बाहरी हिस्से में जले हुए नोट मिले। इस घटना ने न्यायिक हलकों में हड़कंप मचा दिया था। इसके बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया गया। इसके साथ ही आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की गई थी।