नई दिल्ली: भारतीय सेना के लिए तीन अपाचे हेलीकॉप्टर भारत पहुंच गए हैं। भारतीय सेना के लिए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की पहली खेप आज हिंडन एयरबेस पहुंचा। कैबिनेट कमेटी ने अमेरिका से 39 अपाचे हेलिकॉप्टर लेने को मंजूरी दी थी। भारतीय सेना के अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। इस तरह अब भारतीय थल सेना को अब “फ्लाइंग टैंक” यानी अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टरों की ताकत मिल गई है।
पहले भारतीय वायुसेना को मिले थे अपाचे और अब अब थल सेना भी होगी लैस हो गई है। जमीनी ऑपरेशन्स को और ज्यादा मारक और स्मार्ट बनाने के लिए अब भारतीय थल सेना भी अपाचे से लैस हो रही है। यह इंडक्शन भारतीय सेना की ताकत को नई धार देगा और युद्ध क्षेत्र में उसकी निर्णायक भूमिका को और मजबूत बनाएगा।
- अमेरिका से खरीदे गए ये हेलीकॉप्टर 860 करोड़ रुपये प्रति यूनिट की लागत से मिले हैं।
- पहले फेज में 6 में से 3 हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं, जो अब सेना का हिस्सा बनेंगे।
- इनकी खरीद 2020 में 600 मिलियन डॉलर (करीब 5,000 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत हुई थी।
हेलीकॉप्टर का संचालन जोधपुर में स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन करेगा, जिन्हें खासतौर पर पश्चिमी सीमा की निगरानी और जवाबी कार्रवाई के लिए तैनात होगी।
अपाचे की प्रमुख विशेषताएं
- 30 मिमी की ऑटोमेटिक गन जो चलती टारगेट पर सटीक वार कर सकती है।
- हाइड्रा-70 रॉकेट सिस्टम – बेहद असरदार और घातक।
- एंटी-टैंक मिसाइलें (जैसे हेलफायर) – दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को उड़ाने में सक्षम।
- रॉकेट पॉड्स – बड़े क्षेत्र में बमबारी करने की ताकत।
- नाइट विज़न और एडवांस टारगेटिंग सिस्टम – दिन हो या रात, हर मौसम में ऑपरेशन में सक्षम।