दुनिया में किसी बड़ी लड़ाई छिड़ने की स्थिति में अमेरिका के पास अपने दो बड़े विरोधियों- चीन और रूस को भारी नुकसान पहुंचाने की ताकत है। द सन ने एक मिलिट्री एनालिसिस के आधार पर अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अमेरिका केवल दो घंटे में रूस और चीन के सभी परमाणु लॉन्चपैड को नष्ट करने में सक्षम है। तीसरा विश्व युद्ध छिड़ने पर अमेरिकी सेनाएं अपने नाटो सहयोगियों के साथ दुश्मन देशों के खिलाफ कहर बरपा सकती हैं और उनकी मिसाइल लॉन्चिंग साइट नष्ट कर सकती हैं। ये रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब यूक्रेन में युद्ध की वजह से अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और उसके सहयोगी अगर पूर्व-निवारक हमलों के साथ रणनीतिक दुश्मन परमाणु ताकतों को नष्ट करने का विकल्प चुनते हैं, तो वे इन देशों के अंदर दूरस्थ लक्ष्यों तक भी पहुंच सकते हैं और उनका सफाया कर सकते हैं। विशेषज्ञों ने पाया है कि अमेरिका के पास अधिक उन्नत गैर-परमाणु हथियार हैं जो पश्चिम को रूस और चीन जैसे शासनों पर बढ़त देते हैं। चीन और रूस के परमाणु लॉन्चपैड पारंपरिक मिसाइलों और वितरण प्रणालियों में अमेरिका की क्षमता को देखते हुए असुरक्षित हैं।
रूस और चीन की साइट क्यों हैं असुरक्षित
प्रोफेसर डैन प्लेश और मैनुअल गैलीलियो ने अनुमान लगाया गया है कि रूस के पास 150 दूरस्थ परमाणु लॉन्चर साइटें हैं और चीन के पास पूर्वी मध्य एशिया में 70 साइट हैं। ये निकटतम सीमा से करीब 1,550 मील दूर है। रूस और चीन के किसी परमाणु हमले को विफल करने के लिए अमेरिका की उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) इन सभी लक्ष्यों तक पहुंच सकती है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी रूस और चीन की सबसे दबी हुई और मोबाइल रणनीतिक ताकतों को भी नुकसान कर सकते हैं। अमेरिका 2026 तक जर्मनी में लंबी दूरी की आईसीबीएम तैनात करने के लिए तैयार है, जो सभी रूसी मिसाइल लॉन्चपैड को अपनी सीधी सीमा में लाएगा। जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने कहा है कि लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती से यूरोप को अपनी मिसाइलें विकसित करने का समय मिलेगा।