नगर पालिका में हुई पीआईसी की बैठक एक बार फिर विवादों के घेरे में आकर सिमट गई और बताया जा रहा है कि यह बैठक इतनी विवादित हो गई की स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष भारती सुरजीत ठाकुर को बैठक से उठकर बाहर जाना पड़ा ,इसके बाद यह बैठक के शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई जबकि इस बैठक में एक ही पार्टी भाजपा के सभापति और नगर पालिका अध्यक्ष उपस्थित होते हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी में काबिज अध्यक्ष व सभापति के बीच ऐसा कुछ हो गया की स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष बैठक से उठकर बाहर निकल गई और उसके बाद यह मामला पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के बंगले तक पहुंच गया ऐसा सूत्रों के हवालों से जानकारी लगी है
आपको बता दे की नगर पालिका बालाघाट में 1 फरवरी की शाम 5:00 बजे पीआईसी की बैठक का आयोजन किया गया था और जैसे ही यह बैठक शुरू हुई , वैसे ही कुछ पीआईसी के सदस्य द्वारा बैठक में उपस्थित अन्य पार्षद व पार्षदपति की उपस्थित रहने को लेकर नाराजगी जाहिर की गई, जिसमें एक पीआईसी सदस्य द्वारा अध्यक्ष भारती सुरजीत ठाकुर से यह सवाल किया गया कि आखिर यह पीआईसी की बैठक है या फिर कोई अन्य समीक्षा बैठक है , तब अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि यह पीआईसी की बैठक ही है, तब उपस्थित पीआईसी सदस्य द्वारा कहा गया कि जब यह पीआईसी की बैठक है तो इसमें सिर्फ पीआईसी के सदस्य ही उपस्थित रहने चाहिए, इस बात पर नगर पालिका अध्यक्ष भारती सुरजीत ठाकुर द्वारा उनसे कहा गया कि यह बैठक बुलाने का विशेष अधिकार उनके पास है , और वह जिसे चाहे उसे बुला सकती हैं तब पीआईसी सदस्य द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी से इस बात को लेकर चर्चा की गई की क्या नगर पालिका अध्यक्ष को यह विशेष अधिकार है कि वह किसी को भी पीआईसी की बैठक में बिठा सकते हैं तब मुख्य नगर पालिका अधिकारी विवाद की स्थिति को देखकर शांत ही रहे, किंतु पीआईसी सदस्य द्वारा कहा गया कि यदि ऐसा है तो वह पीआईसी की बैठक में 22 लोगों को क्यों पूरे 33 पार्षदों को बुलाकर बिठा ले, उन्हें कोई नाराजगी नहीं है, यह बात को सुनकर बाकी पार्षद और पार्षदपति वहां से उठकर जाने लगे, जिस पर नगर पालिका अध्यक्ष भारती सुरजीत ठाकुर द्वारा भी नाराजगी जाहिर करते हुए कह दिया गया की बैठक समाप्त होती है, और स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष बैठक से उठकर अन्य लोगों के साथ वहां से जाने लगी जिसके बाद बाकी के अन्य साथी भी इस बैठक से बाहर निकल गए
मामला पहुंचा पूर्व मंत्री गौरी शंकर के बंगले –
आपको बता दे की सूत्रों से यह भी जानकारी लग रही है कि जब पीआईसी की बैठक से उठकर नगर पालिका अध्यक्ष बाहर निकल गई उसके बाद कुछ पीआईसी के सदस्य भी इस बैठक से बाहर निकल गए और अपना सभापति पद का इस्तीफा बनाकर पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के गर्रा स्थित बंगले पहुंच गए , जिसकी जानकारी नगर पालिका अध्यक्ष और उनके अन्य साथियों को लगी तो वह भी उनके पीछे-पीछे पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के बंगले पहुंच गए , उसके बाद काफी कहासुनी पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के बंगले पर हुई ऐसी सूत्रों से जानकारी लग रही है
राजस्व विभाग के सभापति के खिलाफ सौपा गया ज्ञापन –
पीआईसी की बैठक के बाद नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा एक ज्ञापन राजस्व विभाग के सभापति वकील वाधवा के खिलाफ मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दिया गया है, जो की मुख्य नगर पालिका अधिकारी के माध्यम से कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ और नगरीय प्रशासन आयुक्त को दिया जाएगा , जिसमें नगर पालिका के अधिकारी, कर्मचारी व इंजीनियर द्वारा हस्ताक्षर कर बताया गया है कि राजस्व विभाग के सभापति वकील वाधवा द्वारा हर समय बैठक के दौरान नगर पालिका के अधिकारी, कर्मचारियों से अभद्रता की जाती है जिसकी शिकायत उन्होंने अनेक बार नगर पालिका अध्यक्ष को भी की है , किन्तु अब उन्होंने एक ज्ञापन में यह लिखा है कि समय समय पर होने वाली बैठकों में राजस्व सभापति एवं पार्षद वकील वाधवा वार्ड नं-19 के द्वारा हमेशा हम सभी से अभद्रता पूर्वक एवं पार्षद होने का रोब बताते हुये बात की जाती है । वकील वाधवा पार्षद वार्ड नं-19 के द्वारा किये गये व्यवहार भारतीय संहित एवं मूलभूत अधिकार नियद-23 का उल्लंघन है ।
मीडिया में और कैमरे के सामने कोई भी कुछ नहीं चाहता कहना –
पीआईसी की बैठक के बाद हुये इस विवाद को लेकर जब हमने पीआईसी सदस्यों और कर्मचारीयो से चर्चा करनी चाहिए तो कोई भी कैमरे के सामने कुछ भी नहीं कहना चाहता सभी का यही कहना है की वह कैमरे के सामने कुछ भी नहीं कहना चाहते और यदि किसी को कुछ पूछना है तो वह हमसे ना पूछे अपने सूत्रों से जानकारी लेकर समाचार लगा सकते हैं किंतु ,वह कैमरे के सामने कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं माना जाता है कि भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन होने की वजह से कोई भी जनप्रतिनिधि और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी इस विषय में खुलकर अपने ही पार्टी के साथियों के लिए कुछ नहीं कहना चाहते इसलिए कोई भी कैमरे के सामने खुलकर कुछ नहीं कहना चाह रहा है
पार्षद व पार्षदपति उपस्थित हो गए थे ,इस वजह से कुछ पीआईसी के सदस्य नाराज हो गए- निशांत कुमार श्रीवास्तव
इस पूरे मामले को लेकर जब हमारे द्वारा नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत कुमार श्रीवास्तव से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि आज पीआईसी की बैठक नगर पालिका में आयोजित की गई थी , किंतु पीआईसी की बैठक में कुछ विवाद होने की वजह से बैठक निरस्त हो गई, फिर भी यदि उपस्थिति रजिस्टर में सभी पीआईसी के सदस्य हस्ताक्षर कर देते हैं तो सभी प्रस्ताव पास हो जाएंगे उन्होंने बैठक निरस्त होने के विषय में यही कारण बताया कि पीआईसी की बैठक में कुछ पार्षद व पार्षदपति उपस्थित हो गए थे , जिस वजह से कुछ पीआईसी के सदस्य नाराज हो गए और बैठक निरस्त हो गई फिर भी वह भोपाल स्तर से इस विषय पर जानकारी लेकर आगे जो हो सकता है बैठक को लेकर करेंगे
मुख्य नगर पालिका अधिकारी के साथ भी हुई कहासुनी –
आपको बता दे की सूत्रों से यह भी जानकारी लगी और देर शाम नगर पालिका परिषद के परिसर में यह जन चर्चा का विषय बन गया कि नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत कुमार श्रीवास्तव के साथ भी कुछ कहासुनी हुई है जिससे मुख्य नगर पालिका अधिकारी भी नाराज हुए हैं, किंतु जब हमने उनसे चर्चा की तो उन्होंने इस विषय पर खुलकर कुछ नहीं कहा , जिसे देखकर यही लगता है कि इस 15 महीने की नगर पालिका परिषद के कार्यकाल में 6-7 मुख्य नगर पालिका अधिकारी हो चुके हैं और कोई भी इस नगर पालिका में कार्य करने को नहीं देख रहा है , जिसका कारण शायद यहां के जनप्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली भी हो सकती है इस विषय पर हम तो कुछ नहीं कह सकते कि उनके जाने आने का क्या विषय है , किंतु कहीं ना कहीं नगर पालिका में चल रही जन चर्चाओं को देखकर हम ऐसा अनुमान लगा सकते हैं कि यहां के जनप्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली के कारण यहां कोई भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी लंबे समय रहकर काम करना नहीं चाहता है जबकि स्वयं निशांत कुमार श्रीवास्तव भी चुनाव के पहले यहां से अपना स्थानांतरण करके जाना चाहते थे उन्होंने हमें एक अनौपचारिक चर्चा में ये बात एक बार बताया था की वह यह से स्थानांतरण करके जाना चाहते है