जिला मुख्यालय के समीप स्थित ग्राम पंचायत नैतरा सरपंच को अतिक्रमण करने के मामले में प्रशासन द्वारा क्लीनचिट दे दी गई है।जहां सरपंच द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किए जाने की शिकायत मिलने पर ,गुरुवार को सिंचाई विभाग और पटवारी ने मौके पर पहुंचकर वस्तु स्थिति जानी। वही नाप झौक कर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किए जाने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सरपंच को क्लीन चिट दे दी। आपको बताएं कि मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में नैतरा के कुछ ग्रामीणों ने नैतरा सरपंच पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए गुरुवार को सिंचाई विभाग एवं पटवारी ने पहुंचकर मौके स्थल पर शिकायत की जांच की। जिस पर पटवारी एवं सिंचाई विभाग द्वारा नहर से करीब की जगह नाप झौक किया गया। जिसमें पाया गया कि सिंचाई विभाग की जमीन पर किसी का अतिक्रमण नहीं है वही जो शिकायत सरपंच के खिलाफ हुई थी। इस शिकायत को पटवारी एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा निराधार बताया गया है।
पंचनामा तैयार कर पढ़कर ग्रामीणों को सुनाया गया,
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों से मिली शिकायत की जांच करने गुरुवार को दोपहर सिंचाई विभाग अमला औऱ पटवारी, ग्राम नैतरा में पहुंचे जहां पर बड़ी संख्या में शिकायतकर्ता एवं सरपंच सहित ग्रामीण जन उपस्थित थे। सभी ग्रामीण जनों की मौजूदगी में पटवारी एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा नहर से लेकर कथित अतिक्रमण तक नापझौक किया गया।तत्पश्चात पटवारी द्वारा शिकायतकर्ता एवं सरपंच की मौजूदगी में एक पंचनामा तैयार किया गया। पटवारी द्वारा पूरे पंचनामे को नैतरा के ग्रामीण जनता के सामने पढ़कर सुनाया गया।जिसमें उनके द्वारा उल्लेख किया गया कि यहां जो अतिक्रमण की शिकायत थी, वह निराधार है वही सरपंच द्वारा किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है।
दो कमरे का परिसर अतिक्रमण में नहीं है – हकलाल सौलखे
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत नैतरा के उप सरपंच हकलाल ने बताया कि जो शिकायत की गई थी कि यह परिसर अतिक्रमण में है।सरपंच द्वारा अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया है। यह झूठी व बेबुनियाद शिकायत है। यह मेरी दुकान है और यह किसी अतिक्रमण में नहीं बनी है। यह मेरी स्वयं की भूमि पर बनी हुआ है। जिसकी आज जांच भी पटवारी एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई है हो गई है और यह स्पष्ट हो गया है कि यह अतिक्रमण नहीं है।
मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास-सरपंच संतोष लिल्हारे
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत नैतरा सरपंच संतोष लिल्हारे ने बताया कि यह शिकायत राजनीतिक दुर्भावना वश मेरी छवि को धूमिल करने के लिए किया गया प्रयास था। जबकि अधिकारियों द्वारा जांच करने पर स्पष्ट हो गया है कि यह आरोप निराधार है दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। जिस परिसर को मेरा अतिक्रमण बताया गया था। वहां तक तो सिंचाई विभाग की भूमि भी नहीं है एवं जो अतिक्रमण की बात की जा रही है वह अतिक्रमण मे है भी नहीं।उन्होंने आगे बताया कि जिसे अतिक्रमण बताया जा रहा था वह मेरे नाम से है ही नहीं, उसके मालिक कोई और है। लेकिन राजनीति वश इस तरह की शिकायत की गई थी। जिसकी सच्चाई आज ग्राम नैतरा के ग्रामीणों के सामने आ चुकी है। दूध का दूध पानी का पानी हो गया है।