जिला पुलिस पेंशनर्स संघ की वर्षों से कई मांगे लंबित है जिन पर प्रदेश शासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसा आरोप लगाते हुए पुलिस पेंशनर्स संघ जिला इकाई बालाघाट द्वारा वर्षों से लंबित अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया।शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में सौपे गए ज्ञापन में उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की भांति 2005 से सेवा में आए कर्मचारियों की पेंशन बहाल करने, राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) समाप्त कर राज्य कर्मचारियों के समान 34% महंगाई राहत का भुगतान किए जाने, छठवें और सातवें वेतनमान एरियर्स का त्वरित भुगतान किए जाने, पेंशनरों को निरंतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, आयुष्मान निरामयम स्वास्थ्य बीमा योजना या ऐसी अन्य स्वास्थ्य बीमा योजना तत्काल लागू किए जाने की मांग की।जिसमें उन्होंने राज्य के पेंशनरों के आर्थिक स्वास्थ्य भुगतान में धारा उन 49 को विलोपित करने और केंद्र के समान महंगाई भत्ता व अन्य मांगों को तत्काल पूरी किए जाने की गुहार लगाई हैं।
तो हमें आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा – परिहार
ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला पुलिस पेंशनर्स संघ कार्यकारी जिलाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि जब मध्यप्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था। उस समय पेंशनर्स के लिए बंधनकारी धारा मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ पुर्नगठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) लागू की गई थी। इस बंधनकारी धारा के कारण जब भी मध्यप्रदेश के पेशनर्स को केंद्र के बराबर महंगाई राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति लेना पड़ता है। जिसके चलते इस बंधनकारी धारा को हटाने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा है और इसके लिए कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अवगत भी कराया जा चुका है। बावजूद इसके पुलिस पेंशनर्स की समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसका खामियाजा हमे वर्षो से भुगतना पड़ रहा है साथ ही हमे आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए एक बार फिर से आज ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आगामी समय में रणनीति बनाकर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस पेंशनर्स मौजूद रहे