लालबर्रा-बालाघाट रोड़ स्थित मानपुर मार्ग पर गत ३ अप्रैल को वारासिवनी थाने में पदस्थ आरक्षक बिहारी परते ने मानपुर निवासी ५५ वर्षीय राजेश पंचेश्वर को बाईक से टक्कर मार दिया था जिससे राजेश गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसका उपचार नागपुर में चल रहा था, १८ मई को उपचार के दौरान राजेश पंचेश्वर की मौत हो गई परन्तु पुलिस प्रशासन के द्वारा घटना के ४५ दिन बाद भी पुलिसकर्मी (आरक्षक) की बाईक को जप्त एवं उसे गिरफ्तार नही किये जाने से परिजनों व ग्रामीणजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया। पुलिसकर्मी को गिरफ्तार करने एवं मुआवजा दिलवाये जाने की मांग को लेकर मृतक व्यक्ति के परिजन व ग्रामीण १९ मई को शाम ६ बजे थाने में शव रखकर थाने का घेराव कर पुलिसकर्मी बिहारी परते को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े रहे। जिस पर थाना प्रभारी अमित भावसार के द्वारा आक्रोशित परिजन व ग्रामीणजनों को समझाने का प्रयास किया गया परन्तु वे नही माने जिसके बाद बालाघाट से डीएसपी गौरव पाटिल थाना पहुंचकर मृतक व्यक्ति के परिजन व ग्रामीणजनों को समझाया कि जिस वाहन से घटनाकारित हुआ है उसे जप्त कर पुलिसकर्मी पर वैधानिक कार्यवाही एवं मुआवजा दिलवाये जाने आश्वास्त किया जिसके बाद रात ९ बजे परिजन व ग्रामीणों आक्रोश शांत हुआ और शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर गये। वहीं मृतक व्यक्ति के परिजनों का कहना है कि जिस पुलिसकर्मी की लापरवाही से राजेश पंचेश्वर की मौत हुई है उसे जल्द गिरफ्तार करने एवं मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया गया है इसलिए शव का अंतिम संस्कार के लिए लेकर जा रहे है, मांगे पूरी नही होने पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा जिसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी।
आपकों बता दे कि मानपुर निवासी ५५ वर्षीय राजेश पंचेश्वर ३ मई को मानपुर बेरियर से स्वयं के घर की ओर मानपुर जा रहा था तभी पीछे से बिना नंबर की मोटरसाइकिल चालक वारासिवनी थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी बिहारी परते ने राजेश को पीछे से टक्कर मार दिया था जिससे वह घायल हो गया था जिसे बालाघाट में भर्ती किया गया था एवं पुलिसकर्मी ने घायल व्यक्ति का उपचार के लिए राशि देने का उसके परिजनों को आश्वासन दिया था परन्तु उन्होने सिर्फ २० से २५ हजार रूपये ही दिया उसके बाद राशि देने से मना कर दिया था। जिसके बाद घायल का अधिक तबियत खराब होने पर उसे नागपुर में भर्ती किया गया था। उपचार के लिए राशि नही देने पर घायल के परिजनों ने पुलिसकर्मी के खिलाफ में लालबर्रा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी और पुलिस ने प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिसकर्मी बिहारी परते के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबध्द कर मामले को जांच में लिया था। घायल राजेश पंचेश्वर के उपचार में करीब ६ लाख रूपये लग गये है परन्तु उसकी जान नही बचा पाये और १८ मई को नागपुर में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जब परिजनों को जानकारी लगी कि पुलिसकर्मी की लापरवाही से राजेश पंचेश्वर की मौत हो चुकी है एवं पुलिस उसे गिरफ्तार तक नही की गई जिससे वे आक्रोशित हो गये और १९ मई को मृतक व्यक्ति के शव को लेकर थाना पहुंचकर पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर मुआवजा दिलवाये जाने की मांग को लेकर थाने का घेराव कर दिया। इस दौरान थाना प्रभारी के द्वारा आक्रोशित परिजन व ग्रामीणों को समझाया गया कि मामला दर्ज कर लिया गया है जल्द ही बाईक की जप्ती कर पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा परन्तु परिजन नही माने और करीब ३ घंटे तक थाने में शव को लेकर डटे रहे एवं डीएसपी गौरव पाटिल के समझाने एवं आश्वासन के बाद परिजन व ग्रामीणजनों का आक्रोश शांत हुआ।
चर्चा में डीएसपी गौरव पाटिल ने बताया कि पुलिसकर्मी की बाईक की टक्कर से मानपुर निवासी राजेश पंचेश्वर घायल हो गया था बताया जा रहा है और उपचार के दौरान उसकी मौत हो जाने के बाद परिजनों ने पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर मुआवजा की मांग कर रहे है जिन्हे समझाईश दी गई है कि मामले की जांच कर वैधानिक कार्यवाही एवं शासन से मिलने वाली मुआवजा की राशि दिलवाये जाने आश्वास्त किया गया है जिसके बाद उनका आक्रोश शांत हुआ और शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए लेकर गये है।