प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम द्वारा प्रसव कराने के नाम पर खुलेआम रिश्वत की मांग की गई है। इसी क्रम में एक पीड़ित से ली गई रकम का वीडियो वायरल हो जाने के चलते हड़कंप मच गया है । ताजा घटना है दमोह जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड अंतर्गत तारादेही के समीप सर्रा में प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र की। प्राप्त जानकारी अनुसार तेंदूखेड़ा विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र सर्रा में पदस्थ एएनएम गीता लाल द्वारा एक पीड़ित महिला को प्रसव कराने के लिए पांच हजार रुपए की मांग की गई थी जिस पर पैसे ना देने पर उसे दमोह से जबलपुर रेफर किए जाने की बात की जा रही थी। उससे पीड़ित महिला का पति बार-बार इस बात के लिए कह रहा था कि आप यही प्रसव करा दें, लेकिन वह इस बात पर अडिग थी कि उसे जब तक पांच हजार रुपये नहीं दिए जाएंगे तब तक प्रसव नहीं कराएगी । इस बात के उपरांत महिला एएनएम द्वारा चार हजार 500 रुपए लिए जाने के बाद ही प्रसव कराया । इस समूचे घटनाक्रम का वीडियो पीड़ित महिला के पति गोलू पटेल द्वारा बना लिया गया था । यह वीडियो 30 जून का बताया जा रहा है , जिसे अभी वायरल किया गया है। धनेटा निवासी गोलू पटेल की पत्नी के प्रसव कराने के लिए जब उनके पति ने एएनएम गीता लाल को 4500 रुपए दिए, जबकि वह पांच हजार रुपए की मांग कर रही थी ।उसके द्वारा ग्राम में ही प्रसव करा दिया गया । इसके बाद ही वह लगातार 500 रुपए और दिए जाने की बात कह रही है । इस घटना के दौरान एएनएम गीता लाल बार-बार यह भी कह रही है कि उसके द्वारा पूर्व में भी जिन लोगों ने उसे पैसे नहीं दिए ,उन्हें दमोह से जबलपुर रेफर कर दिया गया । पांच हजार के स्थान पर 55 हजार और एक को पांच हजार के स्थान पर एक लाख रुपए का खर्च आया । इसलिए यदि मुझे कोई पांच हजार रुपए नहीं देता तो उसे रेफर कर देती हूं । इस प्रकार की धमकी देते हुए पटेल से भी पांच हजार रुपये की मांग खुलेआम कर रही है । जब पीड़ित गोलू पटेल द्वारा उक्त महिला एएनएम गीता लाल को 4500 रुपए दिए गए तो वह खुलेआम 500-500 के नौ नोट गिनते हुए वीडियो में दिखाई दे रही है और 500 की मांग और कर रही है । उक्त एएनएम गीता लाल स्वास्थ्य केंद्र सर्रा में विगत 16 वर्षों से पदस्थ है और यहां पर लगातार ही अपनी मनमानी करती है । इनकी पूर्व में भी अनेक प्रकार की शिकायतें हो चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई। जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अन्य महिला कर्मचारियों को स्टाफ नर्स, एएनएम को जहां दो से तीन वर्षों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर हटा दिया जाता है, वहीं इनका 16 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ रहना अपने आप में ही इस बात को प्रमाणित करता है कि विभाग में इनकी कितनी पकड़ है । इस बारे में दमोह कलेक्टर एसकृष्ण चैतन्य का कहना है कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है । उनको निर्देशित किया है,इस मामले में तत्काल ही जांच कर की गई कार्रवाई से अवगत कराने कहा गया है।