ग्राम पंचायत मेंडकी में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य राजेन्द्र बारमाटे पर सरपंच, पूर्व सरपंच द्वय व शाला विकास समिति के सदरूयों ने शिक्षको व विद्यार्थियों के साथ अभ्रद व्यवहार करने का आरोप लगाते हुये उन्हे अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की है। इस बाबद उनके द्वारा एक ज्ञापन भी अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा गया है। लोगों का कहना था कि वे जातिगत द्वेष भाव भी फैला रहे है वही उनका अपने अधीनस्थ शिक्षकों के साथ रूष्ट व्यवहार है। जिसकी वजह से कुछ दिन पूर्व स्टॉफ ने सरपंच को भी ज्ञापन सौंपा था।
शुृरू से ही शंका में रही है प्राभारी प्राचार्य की कार्यशैली – उपेन्द्र
इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते दुये पूर्व सरपंच पप्पू उर्फ उपेन्द्र बिसेन ने बताया कि हमारे ग्राम में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्तमान कार्यरत प्राचार्य राजेन्द्र बारमाटे की कार्यशाली कई शंकाओं को जन्म दे रही है। कई बार वे जातिगत रूप से चर्चा कर राम भगवान के अस्तित्व के बारे में बच्चो के सामने सवाल उठाते हैे वही उनके अधिनस्थ कार्य कर रहे शिक्षको से भी अमर्यादित तरीके से बात करते है।
श्री बिसेन ने बताया कि जहां एक तरफ १०० रूपये जो शासन की तरफ से शुल्क निर्धारित की गई है उस शुल्क को ३५० रूपये लेने के लिये शिक्षक व कार्यरत बाबू पर दबाव बनाते है। ऐसे अनेक कारण है जिसके चलते ही हम लोगों ने २९ मार्च को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को एक ज्ञापन सौंपा है उनसे मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जॉच करवाकर उन्हे अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करे साथ ही हमारे द्वारा यह मांग भी की जा रही है कि हमारे स्कूल को एक स्थाई प्राचार्य दिया जाये नाकि प्रभारी प्राचार्य।
इसी तरह पूर्व सरपंच सचिन बिसेन ने पद्मेश को बताया कि वर्ष २००९ में यह मेंडकी स्कूल में व्याख्याता के रूप में पदस्थ हुये थे। बाद भी इन्हे प्रभारी प्राचार्य बनाया गया। मगर जब से यह प्रभारी पाचार्य बने है तब से इन्होने हिंदू देवी देवताओ के अलावा अपने अधीनस्थ स्टॉफ के साथ गाली गलौज करना प्रारंभ कर दिया है। हॉल ही में स्टॉफ के लोगो ने इस मामले की शिकायत ग्राम पंचायत की सरपंच सावित्री कुंजाम को एक शिकायत की थी जिसके बाद ही हम लोग ज्ञापन सौंपने पहुॅचे है। श्री बिसेन ने बताया कि एक ही परिसर में स्कूल संचालित हो रहा है जिसमें प्राथ, माध्यमिक, व इायर सेकेंडरी स्कूल शामिल है। जहां शिक्षकों के साथ इनके द्वारा दुरव्र्यहार किया जाता है। ऐसे में इन्हे तत्काल हटाये जाने की हमारी मांग है।