वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र लालबर्रा अंतर्गत वन्य प्राणी बाघ के शव को जलाने के मामले में गिरफ्तार ६ आरोपी शिवकुमार धुर्वे ,देवसिंह कुमरे ,शैलेष धुर्वे, हरिलाल इड़पाचे ,अनुज सिरसाम,मानसिंह सलामे की वारासिवनी की न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में जमानत याचिका खारिज कर दी गई। वहीं इस मामले में आरोपी को फ ॉरेस्ट रिमांड के बाद जेल भेज दिया गया है। मामले की आगे जांच प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के आदेश पर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फ ोर्स की जबलपुर इकाई के द्वारा की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लालबर्रा वन परिक्षेत्र में राष्ट्रीय वन्य प्राणी बाघ के शव को जंगल में ही कुछ दिन छुपा कर उसे जला दिया गया था। यह कार्य ६ लोगों के द्वारा परिक्षेत्र सहायक और वनरक्षक के निर्देश पर किया गया था। जो की प्रथम दृष्टियां वन्य जीव संरक्षण अधिनियम १९७२ तथा संशोधित २०२२ के विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आपराधिक कृत्य है। उक्त अपराधिक कृत्य में लिप्त दो शासकीय सेवक सहित आठ आरोपियों के विरुद्ध अपराध प्रकरण क्रमांक १६०३६/०६ दिनांक २ अगस्त २०२५ को पंजीबद्ध कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव भोपाल मध्य प्रदेश के द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उक्त प्रकरण की अग्रिम विवेचना प्रकरण का हस्तातंरण ५ अगस्त २०२५ को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स की जबलपुर इकाई को किया गया है। इस मामले में गिरफ्तार ६ आरोपी शिवकुमार पिता सुरपसिंह धुर्वे ,देवसिंह पिता गनपतसिंह कुमरे, शैलेष पिता ज्ञानसिंह धुर्वे ,हरिलाल पिता सितकुर इड़पाचे,अनुज पिता मिठ्ठनसिंह सिरसाम ,मानसिंह पिता दीपसिंह सलामे को गिरफ्तार किया गया है और दो शासकीय सेवक टीकाराम हनोते वनपाल और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे फरार है। इसमें वारासिवनी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दिव्या सिंह की अदालत में गिरफ्तार ६ आरोपी की जमानत याचिका पेश की गई थी। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फ ोर्स जबलपुर के द्वारा की गई सटीक विवेचना एवं अभियोजन पक्ष के द्वारा दी गई दलील और अपराध की गंभीरता प्रकरण में तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय वारासिवनी के द्वारा आरोपियों की जमानत याचिका धारा ४८० भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत निरस्त कर दी गई। वहीं ६ आरोपियों की फ ॉरेस्ट रिमांड समाप्त होने पर उन्हें न्यायालय से जेल भेज दिया गया लिया गया है। इस मामले की आगे विवेचना स्टेट टाइगर स्ट्राइक फ ोर्स जबलपुर इकाई के द्वारा की जा रही है।