नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत पनबिहरी में ९ मई को महिला बाल विकास के द्वारा शासन के निर्देशानुसार अक्षय तृतीया पर्व के अवसर पर होने वाले बाल विवाह के रोकथाम के लिये जनजागरूकता अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम के तहत महिला बाल विकास विभाग की अधिकारी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने गांव में घुमकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को बाल विवाह से होनी वाली परेशानियों से अवगत करवाया और जानकारी दी गई कि बाल विवाह करना या करवाना दोनों ही कानूनी अपराध है यदि किसी के द्वारा बाल विवाह करवाया जाता है या उसमें सहयोग करते है तो उन्हें कानूनी रूप से सजा का प्रावधान है और इस विवाह में सहयोग करने वाले बालक-बालिका के परिजन, रिश्तेदार, पंडित, डेकोरेशन वाला, हलवाई, ब्यूटीशियन सहित अन्य जो भी इस विवाह में अपना योगदान देंगा एवं बाल विवाह की जानकारी होने के बाद भी उसमें सहयोग करता तो उन्हें बाल विवाह के अपराध के लिये दण्डीत होना पड़ेगा इसलिये बाल विवाह न करे ना ही होने दे इस तरह से लोगों से बाल विवाह न करने की अपील की गई। आपको बता दें बाल विवाह अधिनियम लागू होने के बाद भी देश के बहुत से हिस्सों में आज भी बाल विवाह का प्रचलन जारी है जिसके रोकथाम के लिये शासन के द्वारा एक विशेष अभियान चलाकर लोगों में जनजागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है इसी के तहत महिला बाल विकास विभाग को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में हो रहे वैवाहिक कार्यक्रम की जानकारी रखे व देखें की लडक़ा व लडक़ी दोनो बालिक है या नहीं यदि नहीं है तो ऐसे बाल विवाह की तत्काल पुलिस को सूचना देकर रोक दे। वहीं अक्षय तृतीया पर्व पर बड़ी संख्या में सामुहिक विवाह कार्यक्रम होते है जिनमें बाल विवाह होने की संभावना प्रबल होती है ऐसी स्थिति में बाल विवाह को रोकने के लिये केंद्र सरकार के द्वारा विशेष गाइडलाइन जारी की गई है और ग्राम स्तर, विकासखण्ड स्तर व जिले स्तर पर बाल विवाह के रोकथाम के लिये टीम गठित किया जाना है। आंगनवाड़ी केंद्र पर बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने के लिये सूचना तंत्र का गठन किया जायेगा जिसमें शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, स्व सहायता की सदस्य शौर्या दल की सदस्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच एवं ग्राम पंचायत सचिव होंगे।