बालाघाट : जेल में बंद कैदियों की शुरू की गई हैपेटाइटिस जाँच 4 कैदियों की रिपोर्ट आई बी पॉजीटिव्ह !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। ्विश्व हैपेटाइटिस दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा हैपेटाइटिस मुक्त भारत योजना की शुरुआत की गई हैजिसके तहत जेल में बंद कैदियों की हैपेटाइटिस  की जांच कराई जा रही है जिस का एक नजारा मंगलवार को जिला जेल में देखने को मिला जहां जिला जेल में बंद कैदियों की मलेरिया की जांच के साथ-साथ रक्त के सैंपल लेकर हैपेटाइटिस बी और हैपेटाइटिस सी की जांच की गई जिसमें चार  कैदियों की रिपोर्ट हैपेटाइटिस बी पॉजिटिव आई है बताया जा रहा है कि यह जांच 7 दिनों तक चलेगी जिसमें पॉजीटिव्ह आने वाले सभी मरीजों का उपचार जिला अस्पताल में निशुल्क किया जाएगा। जिला कोर्ट से विधिक सहायता सचिव जे जे आशीष शुक्ला की प्रमुख उपस्थिति में आयोजित इस शिविर में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय, हैपेटाइटिस नोडल अधिकारी डॉ अशोक लिल्हारे, जेल चिकित्सक अधिकारी डॉ उमंग बघेल, परामर्शदाता श्रद्धा सिंह, फार्मेसिस्ट अनंत अवधवाल, लैब टेक्नीशियन हेमंत पाटिल, महेश मरावी, सुनील प्रजापति,राजेंद्र सोनी और काउंसलर नूतन बोरकर सहित अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
इन कैदियों की रिपोर्ट आई बी पॉजीटिव्ह
जिला जेल में आयोजित इस शिविर में की गई जांच के दौरान 4 कैदियों की रिपोर्ट हैपेटाइटिस बी पॉजीटिव्ह आई है जानकारी के मुताबिक जेल में करीब 214 पुरुष, 18 महिला और एक बच्ची ऐसे कुल233 कैदी हैं जहां की गई जांच में पहले दिन 4 कैदियों की रिपोर्ट हैपेटाइटिस बी पॉजीटिव्ह आई है जिसमें 43 वर्षीय इंदल पिता नाथूसिंह पाँचे, 40 वर्षीय सदाराम पिता पूरन सिंह, 40 वर्षीय प्रेम लाल पिता गुदड और 25 वर्षीय दिलीप पिता वासुदेव का समावेश है जिनकी रिपोर्ट हैपेटाइटिस बी पॉजीटिव्ह आई है।
पॉजीटिव्ह सभी कैदियों के होगा निशुल्क इलाज-डॉ लिल्हारे
आयोजित इस शिविर के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान हैपेटाइटिस नोडल अधिकारी डॉ अशोक लिल्हारे, ने बताया कि आज शासन के निर्देशानुसार जिला जेल में हैपेटाइटिस और मलेरिया जांच शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें कैदियों के स्वास्थ्य की जांच और हैपेटाइटिस जांच के लिए स्कैनिंग की गई थी जिसमें 4 कैदियों की रिपोर्ट हैपेटाइटिस बी पॉजीटिव्ह आई है उन्होंने बताया कि यह शिविर 7 दिनों तक चलेगा जिसमें मरीजो के हैपेटाइटिस बी और सी की जांच की जाएगी वही कैदियों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देकर इसकी रोकथाम के उपाय बताए जाएंगे वहीं जितने भी मरीज पॉजीटिव्ह पाए जाएंगे उनका इलाज जिला अस्पताल में निशुल्क को किया जाएगा जिसके बाद आवश्यकता पडऩे पर कैदियों के कोरोना रैपिड की जांच भी की जाएगी।

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