बालाघाट : किसान का बेटा हर्ष सुलाखे जिले का टॉपर सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा दसवी का रिजल्ट किया घोषित, शत प्रतिशत रहे स्कूलो के परीक्षा परिणाम

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। सीबीएसई बोर्ड द्वारा मंगलवार को कक्षा दसवीं का रिजल्ट घोषित किया गया। कोरोना कॉल के दौरान जारी किए गए इस रिजल्ट में कोई भी परीक्षार्थी निराश नहीं हुआ सभी परीक्षार्थी पास हुए। सभी स्कूलों का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। सीबीएसई कक्षा दसवीं के रिजल्ट में रामपायली क्षेत्र के एक किसान के बेटे ने बाजी मारी, ग्राम भेंडारा निवासी किसान श्यामलाल सुलाखें के पुत्र हर्ष सुलाखें जिले के टॉपर रहे। जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी में अध्ययनरत इस छात्र ने कक्षा दसवीं में 98.2 प्रतिशत अर्जित किया। वही जिले में दूसरे स्थान पर 4 छात्र छात्राएं रहे जिनमें केंद्रीय विद्यालय बालाघाट के अमूल्य नागदेवे और किंजल ठाकरे, जवाहर नवोदय वारासिवनी से प्रांजल यादव तथा सेंट मैरी इंग्लिश मीडियम स्कूल बालाघाट की एक छात्रा युगांशी बिसेन शामिल है। इन चारों छात्र छात्राओं ने 96.8 प्रतिशत बनाएं।
इन पैमानों के आधार पर जारी किया गया रिजल्ट – प्राचार्य
परीक्षा परिणाम की जानकारी देते हुए केंद्रीय विद्यालय बालाघाट के प्राचार्य पंकज कुमार जैन ने बताया कि रिजल्ट काफी अच्छा रहा है सभी स्कूलों का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है। चूंकि इस वर्ष वार्षिक परीक्षा नहीं हो सकी इसलिए तीन पैमानों के आधार पर रिजल्ट बनाया गया इन पैमानों में बच्चों के मंथली टेस्ट के अंक को प्रमुख बेस बनाया गया। इसी तरह प्री बोर्ड परीक्षा का पैरामीटर भी लिया गया और स्कूल के 3 वर्ष के परफॉर्मेंस को भी पैमाना बनाया गया। केंद्रीय विद्यालय बालाघाट में 92 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए सभी परीक्षार्थी पास हुए, 84 बच्चे प्रथम श्रेणी में और 9 बच्चे द्वितीय श्रेणी में पास हुए। विद्यालय का बेहतर रिजल्ट आने के लिए सभी बच्चों के माता-पिता और विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ ही छात्रों की मेहनत का महत्वपूर्ण योगदान है।
सभी के अच्छे मार्गदर्शन के कारण मिली सफलता – हर्ष सुलाखें
इस रिजल्ट से सभी छात्र-छात्राओं में भारी हर्ष व्याप्त है सीबीएसई 10वीं कक्षा के जिला टॉपर रहे ग्राम भेंडारा निवासी छात्र हर्ष सुलाखें ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी के शिक्षक शिक्षिकाओं और परिवार के सभी लोगों के मार्गदर्शन के कारण ही उन्होंने यह सफलता अर्जित की है इस सफलता का श्रेय पढ़ाई के लिए मार्गदर्शित करने वाले सभी लोगों को जाता है। आगे भविष्य में उन्होंने इंजीनियरिंग करने का सोचा है।
आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हूं – युगांशी
इसी प्रकार कक्षा दसवीं में जिले में दूसरे स्थान पर रही सेंट मैरी इंग्लिश मीडियम स्कूल बालाघाट की छात्रा बूढ़ी निवासी युगांशी बिसेन ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के चलते वे स्कूल नहीं जा पा रहे थे ऑनलाइन क्लासेस हो रही थी शिक्षकों ने बेहतर तरीके से ऑनलाइन अध्ययन करवाया वही माता-पिता का भी अच्छा सपोर्ट रहा जिसके कारण यह सफलता मिली है। आगे चलकर वह आईएएस ऑफिसर बनना चाहती है। आगे कक्षा की पढ़ाई वह गणित विषय लेकर करेगी।
हमें बेटी के पढ़ाई को देखकर पूरा विश्वास था – दीप्ति बिसेन
छात्रा युगांशी के मां श्रीमती दीप्ति बिसेन ने बताया कि उनकी बिटिया घर में ही जिस प्रकार से पढ़ाई कर रही थी उससे उन्हें पूरा विश्वास था कि कक्षा दसवीं में अच्छा रिजल्ट आएगा। पढ़ाई करने के लिए कभी दबाव नहीं डाला गया बच्ची खुद ही हमेशा पढ़ाई करते रहती थी। बेटी सुबह के समय पढ़ाई नहीं करती थी पर वह रात्रि के समय में देर रात तक पढ़ती थी। इसकी रूचि ड्राइंग और कविताएं लिखने में हैं वह एक अच्छी राइटर भी है।
बेटी की पढ़ाई के लिए हमेशा पूरा सपोर्ट रहेगा – चंद्रकुमार बिसेन
छात्रा योगा से के पिता बूढ़ी निवासी चंद्रकुमार बिसेन ने बताया कि हमें बिटिया का रिजल्ट अच्छा आएगा अच्छे प्रतिशत बनेंगे इसकी पूरी उम्मीद थी। स्कूल नहीं जाती थी पर घर में ऑनलाइन पढ़ाई करती थी। ऑनलाइन पढ़ाई के अलावा भी घर पर अधिकांश पढ़ाई में लगी रहती थी, बेटी की आगे की पढ़ाई के लिए हमारा पूरा सपोर्ट रहेगा बाकी पढ़ाई की मेहनत तो उसे ही करना है।
उम्मीद से बढक़र अच्छा रिजल्ट आया है – गौरांग बिसेन
कक्षा दसवीं में 96.4 प्रतिशत लेकर जिले में तीसरे स्थान पर रहे केंद्रीय विद्यालय बालाघाट के छात्र गौरांग बिसेन ने बताया कि जिस रिजल्ट की उन्हें उम्मीद थी उससे बढक़र अच्छा रिजल्ट आया है। ऑफलाइन की तरह ही ऑनलाइन में पढ़ाई हुई ऑनलाइन पढ़ाई अच्छे से होने के कारण ही बेहतर रिजल्ट आया है। जहा तक आगे पढ़ाई की बात है तो गणित विषय लेकर आगे की पढ़ाई की जाएगी। जिसमें रुचि है उसी में जाना अच्छा होता है इसलिए आगे टीचिंग फील्ड में जाने का सोचा है।
संतान को सफलता मिलने से बहुत खुशी होती हैं – रविंद्र कुमार
छात्र गौरांग के पिता हरिओम नगर बालाघाट निवासी रविंद्र कुमार बिसेन ने बताया कि संतान को सफलता मिलती है तो निश्चित ही माता-पिता को बहुत खुशी होती है। मेरे द्वारा समय नहीं दिए जाने के बावजूद भी बच्चों ने पढ़ाई में अच्छा परफॉर्मेंस दिखाया है मैं संस्कारों के हिसाब से बच्चों पर ध्यान देता था पढ़ाई के लिए बच्चों की मम्मी ही ध्यान देती थी। गौरांग की रूचि खेल में हैं हॉकी का नेशनल प्लेयर है वह जरूर टीचर बनना चाहता है लेकिन उसका माइंड साइंटिस्ट है। जहां तक बच्चे के भविष्य की बात है तो बच्चे पर अपनी मंशाये और आशाये नहीं थोपनी चाहिए, बच्चा अच्छा और नेक इंसान बने यही चाहते हैं।

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