भारत-अमेरिका में फसाद की जड़ है ये शख्स! बेटे को फंसाकर डोनाल्ड ट्रंप तक पहुंचे असीम मुनीर, रूस से मिडिल ईस्ट तक चर्चा

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वॉशिंगटन/इस्लामाबाद: जियो-पॉलिटिक्स में कहा जाता है कि अगर अमेरिका के दरवाजे को खोलना है तो वॉशिंगटन में लॉबी को अपने पक्ष में करना होगा। पाकिस्तान फिलहाल इसमें आगे दिख रहा है। पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप के वाइट हाउस आने से पहले वॉशिंगटन लॉबी को अपने पक्ष में करने के लिए करोड़ों खर्च किए और अब उसका असर दिख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने जब भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में अचानकर यूटर्न लिया तो हर कोई हैरान रह गया। लेकिन अब जबकि ट्रंप खुलकर भारत विरोध में उतर आए हैं और जब उन्होंने अमेरिका और भारत के संबंध को ही दांव पर लगा दिया है तो साफ हो गया है कि कोई तो ताकत है, जो ऐसा करवा रहा है। तो उस शख्स का नाम है स्टीव विटकॉफ, जो डोनाल्ड ट्रंप के गोल्फ पार्टनर हैं।

राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अरबपति कारोबारी पार्टनर स्टीव विटकॉफ को अपना मिडिल ईस्ट दूत बना दिया, जो अभी रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भी मध्यस्थता कर रहे हैं और जिन्होंने इसी हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमी पुतिन से मुलाकात की है। आपने सुना होगा कि पाकिस्तान में क्रिप्टो कारोबार में डोनाल्ड ट्रंप के परिवार ने भारी भरकम पैसा लगाया है। इस कहानी की शुरूआत भी स्टीव विटकॉफ से ही होती है। दरअसल, स्टीव विटकॉफ के बेटे का नाम है जैकरी विटकॉफ। और जैकरी विटकॉफ अब पूरी तरह से पाकिस्तान के पाले में है, क्योंकि पाकिस्तान ने बहुत ही सावधानी से जैकरी विटकॉफ को अपने जाल में फंसा रखा है।

जैकरी विटकॉफ का पाकिस्तान कनेक्शन क्या है?
जैकरी विटकॉफ ने उस वक्त पाकिस्तान का दौरा किया था जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। इस दौरान इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान के फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर ने जैकरी विटकॉफ से मुलाकात की थी। दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान ने वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) नामक क्रिप्टोकरेंसी वेंचर के साथ करार किया है, जिसमें ट्रंप परिवार की 60% हिस्सेदारी बताई जा रही है। यह डील पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ साइन की गई, जिसे अप्रैल में ही बहुत जल्दबाजी में लॉन्च किया गया था और जिसने Binance के फाउंडर चांगपेंग झाओ (CZ) को अपना सलाहकार बनाया है, ताकि इस्लामाबाद को ‘साउथ एशिया की क्रिप्टो कैपिटल’ बनाया जा सके।

और इसी डील के साइन होने से पहले WLF के टॉप प्रतिनिधि जैकरी विटकॉफ इस्लामाबाद पहुंचे थे, जहां शहबाज शरीफ और असीम मुनीर ने उनका जोरदार स्वागत किया था। अब आगे का खेल देखिए, WLF में डोनाल्ड ट्रंप के दोनों बेटे, एरिक ट्रंप और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के साथ साथ उनके दामाद जैरेड कुश्नर की भी हिस्सेदार है। अब आपको सारा खेल समझ में आ रहा होगा कि कैसे पाकिस्तान, जैकरी विटकॉफ को मोहरा बनाकर डोनाल्ड ट्रंप के परिवार तक पहुंचा। खुलासा हुआ है कि ट्रंप के दोनों बेटे और दामाद, हाल के वर्षों में दुनिया भर में बड़े कारोबारी सौदे की तलाश में रहे हैं। इन लोगों पर लगातार अपने पिता के राष्ट्रपति होने का फायदा उठाने के आरोप लग रहे हैं। जैकरी विटकॉफ का न्यूयॉर्क में रियल एस्टेट कारोबार है और उन्हें वॉशिंगटन डीसी में “मैन-टू-गो” माना जाता है। जैकरी विटकॉफ अकसर डोनाल्ड ट्रंप के घर आते जाते रहते हैं। इसके अलावा वे अब्राहम अकॉर्ड, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने इजरायल को मान्यता दी थी, उस समझौते में भी अहम भूमिका निभाई थी। कहा जाता है कि अगर ट्रंप से कोई काम कराना है तो जैकरी विटकॉफ से कह दीजिए और पाकिस्तान ने भी यही किया है।

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