मुनि श्री १०८ समतासागर महाराज एवं अन्य मुनिश्री व माताओं का सकल दिगम्बर जैन समाज ने किया स्वागत

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लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। नगर मुख्यालय मेें मंगलवार को निर्यापक श्रमण मुनि श्री १०८ समतासागर जी महाराज, ऐलक श्री १०५ निजानंदसागर जी महाराज, ऐलक श्री १०५ निश्चयसागर जी महाराज, आर्यिका माता १०५ की अंतरमती संसग का आगमन हुआ। जिनका सकल दिगम्बर जैन समाज के धर्मलंबियों के द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर दिगम्बर जैन समाज के द्वारा मुनि श्री १०८ समतासागर महाराज सहित अन्य श्री महाराज एवं माताओं का स्वागत सिवनी मार्ग स्थित अहिंसा द्वार के समीप किया गया। जिसके बाद सभी मुनि श्री एवं माताओं को बैडबाजों के साथ दिगम्बर जैन मंदिर लेकर पहुंचे जहां विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुनि श्रीओं का जगह-जगह जैन धर्मालंबियों के द्वारा स्वागत किया गया एवं दिगम्बर जैन मंदिर में प्रवचन का आयोजन हुआ। जिसमें निर्यापक श्रमण मुनि श्री १०८ समतासागर जी महाराज सहित अन्य मुनि श्री ने भगवान महावीर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सभी को सत्य के मार्ग पर चलने की बात कही गई। वहीं कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सभी मुनि श्री एवं माताएं बालाघाट व वारासिवनी के विहार के लिए प्रस्थान किये। चर्चा में सकल दिगम्बर जैन समाज लालबर्रा अध्यक्ष प्रशांत जैन ने बताया कि निर्यापक श्रमण मुनि श्री १०८ समतासागर जी महाराज, ऐलक श्री १०५ निजानंदसागर जी महाराज, ऐलक श्री १०५ निश्चयसागर जी महाराज, आर्यिका माता १०५ की अंतरमती संसग विहार करते हुए मंगलवार को सभी का लालबर्रा आगमन हुआ था। जिनका सकल दिगम्बर जैन समाज एवं धर्मलंबियों ने सिवनी मार्ग स्थित अहिंसा द्वार पर स्वागत किया। जिसके बाद सभी को बैड-बाजों के साथ मंदिर लाया गया जहां पूजा अर्चना की गई एवं प्रवचन का आयोजन हुआ। जिसके बाद आहाचार्य (भोजन) हुआ और सभी मुनि श्री एवं माताओं न आहाचार्य करने के बाद दुसरे स्थान विहार के लिए प्रस्थान किये है जिसमें निर्यापक श्रमण मुनि श्री १०८ समतासागर जी महाराज, ऐलक श्री १०५ निजानंदसागर जी महाराज, ऐलक श्री १०५ निश्चयसागर जी महाराज वारासिवनी एवं आर्यिका माता १०५ की अंतरमती संसग बालाघाट के लिए प्रस्थान किये है।

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