लोकसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं। 25 मई और 1 जून को बाकी बचे दो चरणों के पूरे होने के साथ ही इंतजार 4 जून का होगा जिस दिन तस्वीर शीशे की तरह साफ हो जाएगी। इन सबके बीच एक चीज जो हैरान कर रही है वह है घटता वोटिंग प्रतिशत। चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में कई शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान 2019 के आंकड़ों से कम था। दिल्ली में चुनाव से दो दिन पहले, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, गांधीनगर, झांसी, हावड़ा, मदुरै और जबलपुर के आंकड़ों में रुझान दिखाई दिया है।
शहरी इलाकों में घटा वोटिंग पर्सेंटेज
मुंबई उत्तर में मतदान 2019 में 60.09% के मुकाबले 57.02% था, मुंबई उत्तर मध्य में 2019 में 53.68% के मुकाबले 51.98% और मुंबई दक्षिण मध्य में 2019 में 55.4% के मुकाबले 53.60% दर्ज किया। लखनऊ में 13 मई को 52.28 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के आंकड़े से 2.5 प्रतिशत कम है। यहां तक कि पश्चिम बंगाल, जिसने उच्च टर्नआउट दर्ज किया, ने हावड़ा में 71.73% वोटिंग प्रतिशत नोट किया गया, जो 2019 में 74.83% था। झांसी का प्रतिशत क्रमशः 63.86% और 67.68% रहा। चरण 4 में वोटिंग कम हुई है। इंदौर में सिर्फ 61.67% लोगों ने वोट डाला, जो 2019 के 69.33% से कम है। उज्जैन में भी वोटिंग कम हुई, 73.8% लोगों ने वोट डाला, जबकि 2019 में 75.4% लोगों ने डाला था। गुवाहाटी में जोकि चरण 3 में हुआ था, वहां 78.39% वोटिंग हुई, लेकिन ये भी 2019 के 80.87% से कम है।
अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र में भी वोटिंग कम
गृह मंत्री अमित शाह के क्षेत्र गांधीनगर में भी वोटिंग कम हुई। इस बार 59.8% लोगों ने वोट डाला, जबकि 2019 में ये आंकड़ा 66.08% था। अहमदाबाद पूर्व में भी कम वोटिंग हुई, इस बार 54.72% लोगों ने वोट डाला, जबकि 2019 में 61.76% लोगों ने मतदान किया था। अहमदाबाद पश्चिम में भी ऐसा ही रहा, इस बार 55.45% लोगों ने वोट डाला, जबकि 2019 में 60.8% ने डाला था। जामनगर, राजकोट और वडोदरा जैसे शहरों में भी वोटिंग कम हुई है। आगरा में भी वोटिंग कम हुई, इस बार 54.08% लोगों ने वोट डाला जबकि 2019 में 59.12% लोगों ने वोट किया था।