वन विभाग में तीन शिकारियों को रिमांड पर लेकर की पूछताछ

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वन विकास निगम वारासिवनी के द्वारा बाघ के शिकार के आरोप में गिरफ्तार 6 आरोपियों मैं तीन आरोपियों राजकुमार हरदे महेश बिसेन बसंत पंचेश्वर का 27 मई को रिमांड लेकर उनसे पूछताछ कर 30 मई को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया। मामले में वन विभाग के द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर कार्य किया जा रहा है परंतु वर्तमान तक बाघ के शरीर से गायब अवशेष वन विभाग के हाथ नहीं लग पाये है जिसमें विभाग के द्वारा सतर्कता से कार्यवाही की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी महेश बिसेन के खेत की बंधी में विद्युत करेंट की सहायता से 11 मार्च को हिंसक वन्यप्राणी बाघ को मारा गया। जिसे 12 मार्च को आरोपी बसंत, लेखचंद, महेश, रमेश ने रस्सी की सहायता से 200 मीटर घसीटकर चनई नदी के गहरी डोह में कांटे, डगाली, पत्थर से दबाया गया था। जिसके बाद 15 मार्च को महेश ने छन्नू, राजकुमार को लेकर डोह के पास गये राजकुमार, महेश ने नाखुन निकाले और आपस में बंटवारा किए तथा महेश ने नदी की ओर तेज बहाव में वन्यप्राणी बाघ के शव को धकेल दिया था। जिसका सावंगी के ग्राम तुमड़ीटोला के पीछे बहने वाली चंदन नदी में 17 मार्च को ग्रामीणों के द्वारा देखा गया था जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। जिस पर वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर देखा तो बाघ का शव नदी में पड़ा हुआ था जो काफी डीकंपोज हो चुका था उसके कुछ अवशेष गायब थे जिसमें वाइल्डलाइफ डॉक्टर की टीम ने बाग का पोस्टमार्टम का मृत्यु का कारण करंट से होना बताया था। जिस पर वन विकास निगम और दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र कार्यालय वारासिवनी के द्वारा संयुक्त प्रयास से मामले में जांच कर दो महीने बाद छह आरोपियों को गिरफ्तार कर 17 मई को वारासिवनी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से न्यायालय ने सभी को जेल भेज दिया था। इसके बाद वन विकास निगम के द्वारा 27 मई को राजकुमार पिता चेतनलाल हरदे उम्र 35 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी महेश पिता मोहनलाल बिसेन उम्र 38 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी बसंत पिता श्यामजी पंचेश्वर उम्र 42 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी को तीन दिवस की रिमांड पर न्यायालय से लिया गया जिनसे पूछताछ करने के उपरांत 30 मई को तीनों आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया गया जहां से न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया। उक्त संबंध में दूरभाष पर चर्चा में वन विकास निगम परियोजना अधिकारी शिवभान सिंह नागेश्वर ने बताया कि बाघ के शिकार के मामले में विभाग के द्वारा सभी विषय पर जांच की जा रही है जिसके लिए तीन आरोपियों को 27 से 30 मई तक न्यायालय से रिमांड पर लिया गया था जिन्हें पुनः न्यायालय के माध्यम से जेल भेज दिया गया है। इस दौरान विभाग की कार्यवाही जारी है।

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