विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2023 की थीम लोगों को मरीजों के प्रति देखभाल एवं सेफ्टी के लिए प्रेरित करना है। पूरे विश्व में 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य मरीजों के लिए सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं देने के संबंध में होता है l इसका तात्पर्य है कि किसी भी बीमारी के मरीज को जब स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी सरकारी या गैर सरकारी हॉस्पिटल में, क्लीनिक पर, उसके घर पर अथवा कहीं पर भी दी जा रही है, वह सभी उसके लिए सुरक्षित होl
शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज इंदौर के डा. अखलेश भार्गव ने बताया कि आयुर्वेद में बताया गया है कि वही दवाई सुरक्षित है जो रोगी का इलाज तो करें किंतु उसे किसी प्रकार का उपद्रव ना हो, अर्थात अन्य कोई समस्या पैदा ना हो। यह बात बहुत विशेष है। मेरे नजरिए से इलाज होना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है कि रोगी को इलाज के दौरान दी जा रही दवाइयों से कोई और दूसरी समस्या पैदा ना हो। इसके लिए आयुर्वेद हमेशा सजग रहता है।
उन्होंने बताया कि यदि हम सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा देने में किंचित भी लापरवाही रखते हैं, तो इससे मरीजों का सही समय पर अस्पताल आने का समय आगे बढ़ सकता है और बीमारी गंभीर समस्या ले सकती है। सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाओं में वे चीजें भी हैं जो दैनिक जीवन में काम आती है जिनसे व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है चाहे वह हाथ धोने से मतलब हो या स्वच्छ पानी पीने से।
आयुर्वेद में हमेशा व्यक्ति के स्वस्थ बने रहने पर ही जोर देता है अर्थात बीमारी हो ही ना। हम सभी स्वास्थ्य सेवक प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सुरक्षा को लेकर, मरीजों तक अच्छी सुविधाएं पहुंचाने के लिए अच्छा खानपान की जानकारी देने के लिए एवं आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वस्थ बनाए रखने की मुहिम में।