बालाघाट एक्सप्रेस और पदमेश की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है। जहां खबर का संज्ञान लेते हुए जनपद पंचायत द्वारा कराई गई जांच में सरपंच ,सचिव ,रोजगार सहायक और सब इंजीनियर दोषी पाए गए हैं। जिन पर धारा 92 की कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन जिला पंचायत भेजा गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही निर्माण एजेंसी पंचायत से संबंधित पदाधिकारी, अधिकारियों , व सम्बंधित कर्मचारियों पर न सिर्फ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बल्कि गबन के इस मामले में उनसे राशि वसूलने की कार्यवाही भी होगी। तो वही इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दोषी अधिकारियों कर्मचारियों को निलंबित किए जाने के भी संकेत दिए गए हैं।आपको बताएं कि जनपद पंचायत बालाघाट के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सकरी में सचिव और रोजगार सहायक द्वारा हितग्राही से साठ गांठ कर तालाब की जगह खेत बना कर शासन की राशि का गबन किया गया था।जहा सचिव और रोजगार सहायक द्वारा की गई गड़बड़ी को लेकर बालाघाट एक्स्प्रेस और पदमेश न्यूज में प्रमुखता से ख़बर दिखाया गया था।जहा खबर का संज्ञान लेते हुए जनपद अधिकारी द्वारा बनाए गये लघु तालाब की जांच कराईं गई, जहा 8 जून को कराई गई जांच में पाया गया था कि जिस हितग्राही के खेत मे लघु तालाब बनाना बताया गया था। वहां तालाब ही नही थी।तालाब की जगह खेत समतलीकरण कराकर कागजो में तालाब निर्माण करना बताया गया था।जिसकी जांच में फर्जीवाड़ा कर शासकीय राशि आहरण करने के खिलाफ कार्यवाही की गई है।जिसमे सरपंच सचिव, रोजगार सहायक ओर सब इंजीनियर के साथ साथ हितग्राही पर भी कार्यवाही के लिए जिला पंचायत को प्रतिवेदन दिया गया है।जहां दोषियो पर धारा 92 की कार्यवाही कर राशि रिकवरी की कार्यवाही की जाएगी।वही जनपद द्वारा इस मामले में सेवा समाप्ति की कार्यवाही के भी संकेत दिए गए है।
3 लाख 82 हजार रु की लागत से बनाया गया तालाब हुआ गायब?
आपको बताए कि पदमेश न्यूज़ ओर बालाघाट एक्सप्रेस अखबार में इस खबर को 3 लाख 82 हजार रु की लागत से बनाया गया तालाब हुआ गायब? के शीर्षक से प्रकाशित किया था। जहा इस बात का उल्लेख किया गया था। ग्राम पंचायत सकरी में 3 लाख 82 हजार की लागत से बनाकर तैयार किए गए लघु तालाब का निरीक्षण करने टीम जब मौके पर पहुंची तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई ।क्योंकि सरकारी कागजो में जहा 3 लाख 82 हजार रुपए की लागत से लघु तालाब का निर्माण कराना दर्शाया गया था। वहां से तालाब ही गायब था। जहां तालाब की जगह खेत दिखाई दे रहा था। जिस पर टेक्निकल टीम मौके स्थल का निरीक्षण करते हुए तालाब का निर्माण न करने और शासन की राशि की हेरा फेरी किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण कार्य की जांच की और इस जांच में उन्होंने ग्राम पंचायत सकरी के जिम्मेदारो को दोषी पाते हुए मामले में रिकवरी निकालने सहित दोषियो पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की बात कही थी।जिनपर अब धारा 92 की कार्यवाही कर सभी दोषियो से रिकवरी की कार्यवाही किए जाने का प्रतिवेदन जिला पंचायत भेजा गया है।जहां जिला पंचायत से दोषियो पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल जनपद पंचायत बालाघाट के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सकरी में लघु तालाब का निर्माण करने हेतु हितग्राही तोपेश को स्वीकृति प्रदान की गई थी।जहां पर लघु तालाब के नाम पर सहायक सचिव अनीता पारधी की साठ, गाठ से शासन के 3 लाख 82 हजार 664 रु की हेराफेरी कर खेत को समतल कराया गया था। जिसकी शिकायत किसी ने जनपद पंचायत में की थी वहीं मामले की जांच कर दोषियो पर कार्यवाही किए जाने की गुहार लगाई थी।जहां सकरी पंचायत में हुए मनरेगा के तहत इस लघु तालाब निर्माण कार्य की शिकायत मिलने जनपद पंचायत बालाघाट से मनरेगा अधिकारी दुर्गेश तिवारी सहित टेक्निकल टीम तालाब का निरीक्षण करने पहुंची थी। जहां इस टीम के मौका स्थल पर पहुंचते ही उनके होश उड़ गए थे।जिन्होंने जांच में पाया था की रोजगार सहायक एवं हितग्राही द्वारा मिलकर तालाब के नाम खेत को समतल करवा लिया है।जबकि सरकारी कागजों में तो तालाब का निर्माण कार्य दिखा दर्शाया गया था।लेकिन मौके पर तालाब ही नहीं था। जिस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए टेक्निकल टीम ने ग्राम पंचायत सकरी को दोषी मानते हुए मामले में वैधानिक कार्यवाही किए जाने की बात कही थी।