सर्राटी नहर सीमेंट्रीकरण लाईनिंग कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा

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नगर मुख्यालय से लगभग ८ किमी. दूर स्थित ग्राम पंचायत टेकाड़ी ला. के सर्राटी जलाशय से निकली सर्राटी माइनर नहर का लाईनिंग कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है क्योंकि वर्तमान में नहर का लाईनिंग कार्य पूरी तरह से पूर्ण भी नहीं हो पाया है और नहर में जगह-जगह दरारे आने लगी है। जिसका ठेकेदार के द्वारा मरम्मत के नाम पर सीमेन्ट का थेंगड़ लगाने का कार्य किया जा रहा है परन्तु वह भी अधिक समय तक नही टिक पायेगा और जल्द ही क्षतिग्रस्त हो जायेगी। जिससे किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की मंशा से बनाई गई नहर का सीमेन्टीकरण का कार्य औचित्यहीन साबित हो जायेगी। नहर के सीमेंट्रीकरण कार्य को अभी पूरी तरह से छ: माह भी नहीं हुए है और नहर जगह जगह से उखडऩा प्रारंभ हो चुकी है इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नहर के सीमेंट्रीकरण कार्य में ठेकेदार के द्वारा भारी लापरवाही बरती गई है एवं निर्माण कार्य में घटिया मटेरियल का उपयोग किया गया है। नियमित रूप से नहर की तराई नही की गई है। जिसकी वजह से नहर में दरारें पड़ चुकी है और महज कुछ माह बाद ही ठेकेदार को नहर का मरम्मत कार्य करवाना पड़ रहा है। नहर के इस घटिया निर्माण कार्य में सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की भी लापरवाही है क्योंकि ग्रामीणजनों व किसानों के द्वारा कई बार निर्माण कार्य की घटिया गुणवत्ता के बारे अवगत करवाया गया परंतु इसके बावजूद विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा न तो मौके पर पहुंचकर शिकायत की हकीकत को जानने का प्रयास किया गया और न ही ठेकेदार के खिलाफ कोई कठोर कार्यवाही की गई। इससे यह प्रतीत होता है कि नहर के इस घटिया निर्माण कार्य के लिये शासन से लेकर प्रशासन के बड़े अधिकारी तक सभी संलिप्त है क्योंकि अनेक बार नहर की गुणवत्ता के संबंध में ज्ञापन व अखबारों के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित भी किया गया था परंतु इसके बावजूद जिम्मेदार मौन रहे और मूक दर्शक बनकर घटिया निर्माण कार्य को देखते रहे जिसकी खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि सर्राटी जलाशय माइनर नहर लालबर्रा ब्लाक के किसानों के लिये जीवनदायिनी नहर है क्योंकि इस नहर के भरोसे से ही क्षेत्र की ८० प्रतिशत कृषि भूमि सिंचित होती है और इसके माध्यम से मिलने वाले पानी से किसानों के खेतों में फसलों का उत्पादन संभव हो पाता है। लेकिन यह नहर विगत कई दशक पूरानी होने के कारण जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। जिसकी लाईनिंग कार्य के लिये किसानों के द्वारा आंदोलन भी किया गया था और किसानों के आंदोलन के पश्चात् करोड़ो रूपयेे नहर के लाईनिंग कार्य के लिये स्वीकृत किये गये थे। जिसका वर्तमान में निर्माण कार्य भी जारी है लेकिन नहर का मरम्मत कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से नहीं किया जा रहा है और निर्माण कार्य में घटिया मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है एवं नहरों की तराई भी नहीं की जा रही है। जिसके कारण नहर में जगह-जगह दरारे आने लगी है। जिसके चलते टेकाड़ी ला. से रामजीटोला माइनर नहर निर्माण कार्य के महज कुछ महीनों के बाद ही ठेकेदार को इसका मरम्मत कार्य करवाना पड़ रहा है जिससे यह स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती गई है और इस भ्रष्टाचार में ठेकेदार के साथ संंबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की भी मिली भगत है। किसानों का कहना है कि सरकार के द्वारा नहर लाईनिंग कार्य के लिये करोड़ों रूपये स्वीकृत किये गये है जिससे किसानों के खेतों तक पानी आसानी से पहुंचाया जा सके और किसानों की फसलें पक सके परंतु ठेकेदार के द्वारा बेहद ही घटिया तरीके से नहर का लाईनिंग कार्य करवाया जा रहा है। सही मटेरियल का उपयोग नहीं किया गया है, न ही तराई की जा रही है जिसकी वजह से महज निर्माण कार्य के कुछ महीनों में नहर जगह जगह से क्षतिग्रस्त होने लगी है। जिसका ठेकेदार के द्वारा मरम्मत कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। ठेकेदार के द्वारा जिस तरह से निर्माण कार्य किया जा रहा है वहां एक तरह से लीपापोती है और यह निर्माण कार्य पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।

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