एमपी की मोहन सरकार ने देवी अहिल्याबाई होलकर के शासनकाल के अभिलेखों और पत्राचारों का अनुवाद कर प्रकाशन करने का निर्णय लिया है।वर्तमान में ये अभिलेख एक लिपि में उपलब्ध हैं। यह घोषणा देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की गई। इंदौर में शुक्रवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस प्रकाशन को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह और इंदौर नगर निगम आईएमसी द्वारा संयुक्त रूप से किए गए कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देते हुए सीएम मोहन ने कहा कि हमने भारत माता को नहीं देखा है। हमने सिर्फ उनकी कल्पना की है। वह देवी अहिल्याबाई होल्कर से अलग नहीं रही होगी। मोहन यादव ने आगे कहा कि आदर्श आचार संहिता के कारण वह कोई आधिकारिक घोषणा नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के सम्मान में लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद यह पहल की जा सकती है।
कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और कई दिग्गज नेता भी शामिल हुए। उन्होंने मराठा साम्राज्य में उनके शासनकाल के दौरान इंदौर और उसके लोगों के लिए उनके बलिदान और योगदान पर भी बात की। पिछले साल से राज्य सरकार इंदौर के स्थापना दिवस को देवी अहिल्याबाई होलकर की जयंती पर गौरव दिवस के रूप में मनाती है।