लांजी क्षेत्र में जो व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो गए है उनका उपचार सिविल अस्पताल में बने कोविड सेंटर में किया जा रहा है। चिकित्सा संस्थान के द्वारा मरीजों के बेहतर उपचार प्रदाय किए जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। लेकिन, कुछ मोर्चे पर अस्पताल विभाग के द्वारा लापरवाहियां भी दिख रही हैं जो बड़े खतरे का कारण बन सकती है।
एक ओर चिकित्सा विभाग के द्वारा सावधानी बरतते हुए संक्रमित मरीजों की जान बचाई जा रही है, दूसरी तरफ इसी अस्पताल में पीपीई किट के निस्तारण में लापरवाही की जा रही है। बता दे की अस्पताल परिसर में मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पोस्टमार्टम कक्ष के बाजू में अपशिष्ट प्रबंधन गृह बनाया गया है जहां अस्पताल विभाग के द्वारा लापरवाही बरतते हुए पूरे अपशिष्ट का निस्तारण न करते हुए उसे जलाया जा रहा है।
इस संबंध में जानकारी मिलते ही पद्मेश टीम के द्वारा मौके पर जा कर देखा गया तो पाया की अस्पताल का समस्त अपशिष्ट जिसमे पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स, पॉलिथिन आदि जल रहे है इसके साथ ही अपशिष्ट प्रबंधन गृह में जानवरों के द्वारा कचरे को खाया जा रहा। इस संबंध में जब बीएमओ प्रदीप गेडाम एवं नगर प्रशासक तहसीलदार से चर्चा की गई तो उनके द्वारा साफ तौर पर नकार दिया गया कि अस्पताल में अपशिष्ट को नहीं जलाया जा रहा है।
इसके अलावा कलेक्टर दीपक आर्य से चर्चा की गई तो उनके द्वारा कहा गया की अपशिष्ट को जलाया जा सकता है परंतु उसे जानवर खा रहे है यह उचित नहीं है।










































