कोरोना की दूसरी लहर के बाद केंद्रीय कैबिनेट की पहली बैठक, PM ने मंत्रियों से कहा- लोगों के संपर्क में रहिए

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कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। संक्रमितों और मृतकों की लगातार बढ़ती जा रही है। देश में कोविड 19 संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अप्रैल को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की। जहां उन्हें महामारी के प्रबंधन और ऑक्सीजन व दवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी गई। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बाद यह कैबिनेट की पहली बैठक थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्रों में लोगों के संपर्क में रहें, उनकी मदद करें और उनसे स्थिति के बारे में जानकारी लेते रहें।  मोदी ने स्थानीय स्तर पर मुद्दों की त्वरित पहचान और हल करने की जरूरत पर भी बल दिया। एक बयान के मुताबिक इसमें कहा गया कि महामारी ने सदी में एक बार आने वाले संकट जैसे हालात बना दिए हैं और दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है। इसमें कहा गया कि कैबिनेट को अस्पतालों में बिस्तरों, ऑक्सीजन सुविधाओं की संख्या बढ़ाने और ऑक्सीजन व अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई।

कैबिनेट ने कोविड अनुकूल आचरण मास्क पहनना, दूसरों से छह फीट की सामाजिक दूरी का पालन करना और नियमित रूप से हाथ धुलने- के महत्व पर जोर दिया। अभी आगे के विशाल कार्य को पूरा करने के लिये समाज की भागीदारी को महत्वपूर्ण पहल के तौर पर रेखांकित करते हुए मंत्रियों ने इस बात पर भरोसा जताया कि देश एकजुट होकर इस महामारी को हराएगा।

बयान में बताया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके की मदद के लिये मुफ्त अनाज और जनधन खाता धारकों को आर्थिक सहायता पर भी बैठक के दौरान चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि देश में अब तक 15 करोड़ कोविड रोधी टीके की खुराक लोगों को दी जा चुकी हैं। 

सूत्रों ने कहा कि डिजिटल तरीके से हुई बैठक में नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कोविड-19 प्रबंधन पर एक प्रस्तुति दी। उनके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मनसुख मंडाविया ने मंत्रिमंडल सहयोगियों को ऑक्सीजन और दवा की उपलब्धता के बारे में क्रमश: जानकारी दी।

कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक कर चुके हैं। वह दवा उद्योग से जुड़े अग्रणी लोगों, ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों और अन्य गणमान्य लोगों से महामारी से निपटने को लेकर वार्ता कर रहे हैं।

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