ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर पांव पसार रहा सामाजिक बहिष्कार

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बालाघाट (पदमेश न्यूज़)
मानव समाज आज 21वी सदी में जी रहा है।आज के इस दौर में मानव जाति जहां एक ओर चांद पर घर बसाने ने का दावा कर रही है।तो वहीं दूसरी ओर आज भी हमारा समाज छोटी मोटी बातों में आकर सामाजिक बहिष्कार जैसे तुगलकी फरमान सुनाने से पीछे नही हट रहा है।जहां सबसे ज्यादा सामाजिक बहिष्कार ग्रामीण अंचलों में देखने को मिल रहा है।जहां लोग छोटी-छोटी बातों पर,किसी के भी बहकावे में आकर किसी का भी हुक्का पानी बंद कर, उसका समाज से बहिष्कार कर देते है। समाज से बहिष्कृत किए जाने का एक ऐसा ही ताजा मामला वारासिवनी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम एकोड़ी में सामने आया है।जहां वार्ड नं 2 में निवास करने वाले जय प्रकाश गनवीर ने कुछ ग्रामीणों पर उनके साथ जाति सूचक गाली गलौज कर, मारपीट करने और उनका व उनके अन्य चार साथियों का सामाजिक बहिष्कार किए जाने का आरोप लगाया है।जहां गांव में बैठक बुलाकर सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुनाने वालो ग्रामीणो पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग फरयादी द्वारा की गई है।जिन्होंने अपनी इसी मांग को लेकर गुरुवार को एसपी कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपते हुए मामले की जांच कर उन्हें इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
उक्त मांग को लेकर अपने परिजनों व संगठन पदाधिकारी के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे ग्राम पंचायत एकोड़ी वार्ड नंबर 2 के ग्रामीण फरयादी जयप्रकाश गनवीर ने बताया कि उन्हें मकान निर्माण करने के लिए शासन द्वारा भू स्वामी अधिकार पत्र जारी किया गया है। जिसका पट्टा मिलने पर वे उक्त स्थान में अपने मकान का निर्माण कार्य कर रहे हैं। लेकिन किसी ग्रामीण व उनके अन्य साथियों ने मकान निर्माण पर रोक लगा दी है साथ ही 23 नवंबर को गांव में एक बैठक का आयोजन कर उन्हें सार्वजनिक स्थान पर गाली गलौज कर जातिगत रूप से अपमानित करने का काम किया गया है।जहा गाली देने से मना करने पर उन्होंने उनके साथ मारपीट भी की है। जिसपर उन्होंने वारासिवनी थाने में 23 नवंबर को ही संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस द्वारा सम्बधितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है लेकिन संबंधितों पर अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। आवेदक द्वारा बताया गया कि कुछ ग्रामीण उनके पट्टे वाली भूमि को अपनी भूमि बता रहे हैं जबकि तहसीलदार पटवारी ने उनकी भूमि का नाप झौक कर हमारे पट्टे की भूमि अलग करके दिया है। बावजूद इसके भी कुछ ग्रामीणों द्वारा मकान निर्माण को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। वही मकान निर्माण में रोक लगाई गई है ।आज गुरुवार को भी एक बैठक का आयोजन कर उनका और उनके चार साथियों का समाज से हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। जिसकी शिकायत लेकर वे एसपी कार्यालय आए हैं।

5 लोगों का कर दिया हुक्का पानी बंद
फरियादी जयप्रकाश ने आगे बताया कि इसी विवाद को लेकर गुरुवार को भी गांव में एक बैठक बुलाई गई। जिसमें उन्हें और उनके पक्ष में गवाही देने वाले प्रकाश गणवीर, हितेश पथिये,अमन गजबीए, और सुजीत मेश्राम का हुक्का पानी बंद करने का फरमान सुनाया है। जिसमें ग्रामीणों को हमसे बात न करने, किराना दुकान से सामान ना देने का फरमान सुनाते हुए आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5000 रु का जुर्माना लगाने की भी बात कही है। वही हम 5 ग्रामीणों का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। अब हमें गांव में कोई भी समान नहीं दे रहा है। जिसके चलते वे एसपी कार्यालय आए हैं। उन्होंने उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दर्ज एफआईआर के आधार पर वैधानिक कार्यवाही कर उन्हें इंसाफ दिलाए जाने की गुहार लगाई है।

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