द्वारका (दिल्ली) के ट्रांसपोर्ट कारोबारी सिकंदर सचदेवा के अपहरण की गुत्थी सुलझ गई है। क्राइम ब्रांच और बाणगंगा थाना पुलिस ने मनावर से सखाराम नामक व्यक्ति सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। सचदेवा को भी पुलिस ने मुक्त करवा लिया है। मामला शराब व्यवसाय से जुड़ा होना पाया गया है। लाखों के लेनदेन को लेकर विवाद होना भी सामने आया है।
63 वर्षीय सिकंदर सचदेवा का सोमवार शाम सांवेर रोड़ स्थित दीपमाला ढाबा से सफेद रंग की कार में आए बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। एएसपी (पूर्वी-3) शशिकांत कनकने, एएसपी (क्राइम) गुरुप्रसाद पाराशर की टीम ने मोबाइल कॉल डिटेल, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की और मंगलवार देर रात मनावर से सखाराम उर्फ सुखराम सहित तीन को पकड़कर सचदेवा को भी मुक्त करवा लिया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला सचदेवा शराब व्यवसाय से जुड़ा हुआ था और सखाराम के भाई मुकाम से 19 लाख रुपये का लेनदेन था। दोनों में लंबे समय से इसको लेकर विवाद भी चल रहा था। सखाराम ने उसके इंदौर आने की जानकारी निकाल ली और योजनाबद्ध तरीके से उसका ढाबा से अपहरण कर लिया।
बायो डीजल के चक्कर में उलझ गई थी पुलिस
अफसरों के मुताबिक सचदेवा के साथी राजू उर्फ सुरेश आनंद की शिकायत पर अपहरण का केस दर्ज किया गया है। सचदेवा के बेटे चेतन ने पुलिस को बताया पिता बायो डीजल के सिलसिले में इंदौर आए थे। यहां कुछ लोगों को नमूने भी बताए थे। चेतन ने शराब व्यवसाय से जुड़ी बातें पुलिस को नहीं बताई। पुलिस ने अपने स्तर पर जांच की तो पता चला चेतन शराब तस्करी के आरोप में डेढ़ साल तक जेल में रहा है। इसके बाद शराब माफियाओं की ओर जांच मुड़ गई।
पुलिस ने एक दूध की दुकान के फुटेज निकाले तो पता चला सचदेवा को धार पासिंग सफेद रंग की स्कॉर्पियो से अगवा किया गया है। पुलिस ने घाटा बिल्लौद, सोनवाय, मानपुर टोल नाका के सीसीटीवी फुटेज निकाले। कार सुबह 11 बजे सोनवाय टोल नाका से इंदौर आते हुए दिखी, जबकि यही कार 5:37 बजे घाटा बिल्लौद टोल नाका से गुजरी। इससे शक पुख्ता हो गया और देर रात क्राइम ब्रांच ने आलीराजपुर, मनावर में छापे मार कार्रवाही शुरू कर दी।