कानून संभालने वाले सावधान हो जाएं, थोड़ी सी भी उछलकूद की तो सख्त सजा मिल सकती है। ऐसा इसलिए है कि पुलिस कप्तान ने जीरो टॉलरेंस नीति अपना रखी है। जिले भर के स्टॉफ को समझा दिया है कि पैसों के लिए हाथ पसारना, नशे के सौदागरों के सिर पर हाथ रखना, पर्चियां काटने वालों से अपनी जेबें भरना बिलकुल नहीं चलेगा। अपनी सख्त मंशा दिखाते हुए पुलिस कप्तान छह नगर निरीक्षकों को लाइन का रास्ता दिखा चुके है। पुलिस महकमें में कसावट के लिए पुलिस कप्तान अमित सांधी ने आते ही अपनी प्राथमिकता पुलिस अफसरों को बता दी थी कि किसी तरह की गड़बड़ी बदाशत नहीं की जाएंगी और ईमानदारी से काम करने वालों को इनाम तो लापरवाही या किसी तरह की गड़बड़ी की तो लाइन के साथ ही बर्खास्तगी तय है। इसके बाद जिसने भी गलती की तो उनकी रवानगी साइन कर दी गई। लाइन भेजे गए कई जवान व अफसर अभी तक लाइन से थानों में जाने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन कई लिस्ट निकलने के बाद भी अभी तक उनका नंबर नहीं आया है।
कब कौन हटाया
– निरीक्षक केएन त्रिपाठी: इनकी शिकायत मिली थी कि एक महिला की मदद करने आई युवती से उन्होंने अश्लील चेट की थी और अपने चैंबर में बुलाकर छेड़छाड़ की थी।
– निरीक्षक अनिता मिश्रा इन पर शिकायत थी कि थाना क्षेत्र में दतिया के टीआई से विवाद होने पर दूसरे पक्ष को दतिया टीआई रत्नेश यादव को सौंपा था, जिस पर लूट का फर्जी मामला दर्ज किया गया था।
– निरीक्षक नरेश गिल: इनकी शिकायत थी कि यह क्राइम कंट्रोल करने में असफल रही और जनता से इनका संवाद कम था और जनता की शिकायतों के बाद इन्हें हटा दिया।
– निरीक्षक दीप सिंह सेंगर: पांच माह तक गर्डर के मामले को इन्होंने मर्ग जांच में रखा और आरोपी हाथ से फिसल गए समय पर कार्रवाई करते तो आरोपी हाथ आ जाते।
– निरीक्षक मनीष धाकड़: इनके द्वारा एक वाहन चालक से दस हजार रुपए की मांग की गई थी। इसके अलावा भी इनके द्वारा कई अन्य लोगों से भी रिश्वत मांगने की शिकायतें आई थी।
– निरीक्षक केडी सिंह: काफी समय से डबरा देहात थाने की कमान संभालने के बाद थाना क्षेत्र में शराब फैक्ट्री का संचालन होना और इतनी मात्रा में शराब मिलने व अन्य शिकायतों पर हटाया गया।
वसूली पर सख्ती: शहर में अनाधिकृत तरीके से वाहनों को प्रवेश वसूली पर कराने की शिकायत मिलने पर आईपीएस भी सख्त हितिका वासल को शिकायत की पुष्टि के लिए भेजा और ट्रक में सवार होकर पहुंचे आईपीएस ने 5 जवानों को वसूली करते पकड़ा। जिसके बाद कमान ने जवानों को निलंबित कर दिया।
यह हुआ असर: पुलिस कप्तान के सख्त तेवर को देखते हुए थानों में जमे पुलिसकर्मियों शिकायत करने आने वालों से व्यवहार बदल गया है और हर पीड़ित की शिकायत सुनने के बाद कार्रवाई की जा रही है। जिससे उनके थाने की शिकायतें कसान तक ना पहुंचे और नशे, हथियार तथा अन्य अवैध कारोबारियों से दूरी बना ली है।