बारिश और खेती बाड़ी के कार्य के दौरान सर्पदंश की घटनायें ज्यादा बढ़ रही हैं। इस मामले में डॉ.रविन्द्र ताथोड़ ने चर्चा कर नागरिकों से अपील की हैं कि वह बारिश के दौरान एहतियात बरतें साथ ही खेती बाड़ी के कार्य में विशेष ध्यान रखें। श्री ताथोड़ ने बताया कि आये दिन लोग सर्पदंश का शिकार हो रहे हैं, ज्यादातर मौतें लापरवाही की वजह से होती हैं और कुछ दहशत की वजह से हो जाती हैं। जिस तेजी से सर्प दंश से मौते हो रही हैं उसमें लोग मरीज को अस्पताल लाने मे देरी कर देते हैं, जैसे ही सर्पदंश की कोई घटना होती हैं वह मरीज को बिना किसी प्रकार के प्राथमिक उपचार दिये सीधे चिकित्सालय लायें और सरकार की सेवा १०८ वाहन का इस्तेमाल करे। श्री ताथोड़ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों मे लोग जड़ी बूटी से जहर उतारने का दावा करते हैं और उसके उदाहरण पेश करते हैं इसका कारण आम नागरिक नही समझ पाते हैं क्योंकि सांप का काटना और सांप के डसने मे अंतर होता हैं, आम लोगों को इस अंतर को समझना होगा। श्री ताथोड़ ने बताया कि सर्पीबारी झाड़ फूंक से सांप का जहर नही उतरता क्योंकि सर्प का विष सीधे खून के मार्फत हार्ट पर और मस्तिष्क पर प्रभाव डालता हंै, इसमे किसी प्रकार की कोई झाड़ फूंकी काम नही करती है जितने जल्दी हो सके सांप के काटने के मामले उतने ही जल्दी व्यवस्था बनाकर अस्पताल लेकर आयें यहां पर एंटी स्नैक वीनम पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध हैं जिससे इसका उपचार संभव होता है।
श्री ताथोड़ ने बताया कि लोगों में पहले की अपेक्षा जागरूकता आई है और सभी केसों मे उन्हे अच्छी सफलता मिल रही हंैं कुछ ऐसे केस हैं जिनमें मौते हो जाती हैं उसमे कारण सिर्फ देरी होती है। श्री ताथोड़ ने अपील की हंै ंकि सर्पदंश के पीडि़त तत्काल उपचार के लिये १०८ और अन्य उपलब्ध संसाधनों से सीधे अस्पताल का रूख करें अन्य उपचार की ओर ध्यान ना दें।