बैहर के विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत ने हत्या के मामले में दो आरोपी को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास और प्रत्येक को 25 -25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किये। दोनों आरोपी जिनमे ईश्वरलाल पिता सतीराम राऊत 44 वर्ष ग्राम टिंगीपुर थाना मलाजखंड और नंदकिशोर उर्फ नंदू पिता दुखलाल चौधरी 33 वर्ष ग्राम ठेमा थाना परसवाड़ा निवासी है। दोनों आरोपी के विरुद्ध अपने ही निकटतम रिश्तेदार हरिलाल कोहरे की हत्या करने का आरोप था। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक अशोक कुमार वाट द्वारा की गई थी।
अभियोजन के अनुसार ग्राम पटोरा निवासी हरिलाल कोहरे की बहू ग्राम ठेमा से आई थी। हरिलाल कोहरे का,ईश्वरलाल राऊत समधी है। 17 दिसंबर 2018 को ईश्वरलाल और नंदकिशोर दोनों साइकिल से ग्राम पटोरा पहुंचे थे और उन्होंने हरिलाल को राजू चौधरी के घर ग्राम ठेमा पूजा में चलने हेतु कहा था। तब हरिलाल अपनी नाथन देविका 7 वर्ष को साइकिल में बिठाकर ईश्वर लाल और नंदकिशोर के साथ साइकिल में गए थे। पूजा के दिन शाम तक हरीलाल घर वापस नहीं आया। 20 दिसंबर 2018 को सुबह हरिलाल की परिजनों ने ईश्वरलाल और नंदकिशोर के घर जाकर पूछे तो उन्होंने कोई संताेजनक जवाब नहीं दिए ।इसी दिन कुछ ग्रामीणों ने पोगारझोड़ी नर्सरी की झोपड़ी में हरीलाल की लाश देखी। उसके शरीर पर चोट के निशान थे हरिलाल की पत्नी भिवरा बाई की सूचना पर परसवाड़ा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतक हरीलाल की लाश बरामद की जिसके सिर पर किसी ठोस वस्तु से पहुंचाई गई चोट के निशान पाए गए। मर्ग जांच के दौरान हरिलाल की नातन देविका ने बताई कि उसके दादा हरिलाल को उसके नाना ईश्वरलाल और मामा नंदकिशोर ने मारा है। इसके पश्चात परसवाड़ा में थाने में धारा 302 भादवि के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई और हरिलाल की हत्या करने के आरोप में उसके समधी ईश्वर लाल राऊत और नंदकिशोर उर्फ नंदू चौधरी को गिरफ्तार किया गया ।पूछताछ में दोनों आरोपी ने हरिलाल को शराब पिलाकर और म लकड़ी पत्थर से मारपीट कर हत्या करना स्वीकार किया। जांच में यह भी पाया कि हरीलाल अपनी बहू उर्मिला को डांट फटकार लगाते रहता था। उर्मिला ने इस संबंध में अपने पिता ईश्वरलाल राऊत और भाई नंदकिशोर उर्फ नंदू चौधरी को बताई थी ।जिनका हरिलाल के साथ विवाद हुआ था और दोनों ने हरीलाल के घर जाकर झगड़ा भी किए थे। हरिलाल की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार ईश्वर लाल और नंदकिशोर उर्फ नंदू को बैहर की अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवा दिया गया था। विवेचना अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह मामला हाल ही में विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत में चला। जहां पर बाल साक्षी देविका के कथन कराए गए जिसने बताया कि हरिलाल उसके दादा है और ईश्वर लाल राऊत नाना और नंदकिशोर चौधरी उसके मामा है। अपने दादा हरिलाल, नाना ईश्वर लाल और मामा नंदकिशोर के साथ साइकिल में ठेमा गई थी। कथा सुनने के बाद वापस आते समय पोगारझोड़ी नर्सरी के जंगल में रुके। उसके दादा नाना और मामा ने शराब पिए। उसके दादा को झोपड़ी के अंदर ले गए और झोपड़ी से आकर उसे अपने घर ग्राम ठेमा लेकर चले गए। इस बाल साक्षी के अलावा अन्य की भी अदालत में कथन लिए गए। विद्वान अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष दोनों आरोपी के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी ईश्वरलाल राऊत और नंदकिशोर चौधरी को हरीलाल कोहरे की हत्या करने के आरोप में धारा 302 भादवि के तहत अपराध में दोषी पाते हुए दोनों को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये।