10 दिन बीत जाने के बाद भी बाघ के कातिल वन विभाग की गिरफ्त से बाहर

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वारासिवनी परियोजना परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत अंसेरा के खड़कपुर अमई मार्ग पर कक्ष क्रमांक 543 से लगी नहर के पुल के पास 7 मई को सुबह एक बाघ का शव मिला था जिसके बाद घटना के 10 दिन बीत जाने पर भी बाघ के कातिल वन विभाग की गिरफ्त से बाहर है।

पूर्व भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष प्रदीप शरणागत ने बताया कि बालाघाट जिले को देश और प्रदेश में बाघो के कारण जाना जाता है और यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे जिले और मेरे ग्राम अंतर्गत जंगलों में बाघ एवं वन्य प्राणियों की उपस्थिति है। ऐसे में हमारे राष्ट्रीय पशु बाघ की अज्ञात रूप से मौत हो जाना कई शंका खड़ा करती है।

दूरभाष पर चर्चा के दौरान वन विभाग के एसडीओ अमित पटौदी ने बताया कि बाघ के शव की सूक्ष्मता से परीक्षण किया गया था जिसमें सिर पर हल्की चोट थी जिस पर जांच की जा रही है और बिसरा फॉरेंसिक लैब जबलपुर और सागर भेजा गया जहां से रिपोर्ट आने पर ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। बिसरा में जो एकत्रित किया गया था उसमें बाघ के भोजन नली में भोजन नही था वर्तमान में सभी संभावनाओं पर जांच की जा रही है।

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