बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत को किया गया बैन, पेरिस पैरालंपिक में भारत को झटका

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तोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत पेरिस में अपना खिताब बरकरार नहीं रख पाएंगे। प्रमोद को बीडब्ल्यूएफ के डोपिंग निरोधक ‘वेयरअबारट’ (ठिकाने का पता) नियम के उल्लंघन के कारण 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। बीडब्ल्यूएफ ने एक बयान में कहा, ‘बैडमिंटन विश्व महासंघ इसकी पुष्टि करता है कि भारत के तोक्यो 2020 पैरालंपिक चैम्पियन प्रमोद भगत को 18 महीने के लिए बैन किया गया है और वह पेरिस पैरालंपिक में नहीं खेलेंगे।’

बीडब्ल्यूएफ ने इस पूरे मामले को लेकर कहा, ‘एक मार्च 2024 को खेल पंचाट (सीएएस) डोपिंग निरोधक प्रभाग ने भगत को बीडब्ल्यूएफ के डोपिंग निरोधक नियम के उल्लंघन का दोषी पाया। वह एक साल में तीन बार अपना ठिकाना बताने में नाकाम रहे थे।’ वहीं भगत ने कहा, ‘मेरे लिए यह बहुत कठिन फैसला है। मैं वाडा का सम्मान करता हूं। मैं समझता हूं कि सभी खिलाड़ियों के लिए वे मानक तय करना चाहते हैं लेकिन तकनीकी कारणों से प्रतिबंध लगाना सही नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘यह किसी पदार्थ के सेवन का मामला नहीं है बल्कि ठिकाना नहीं बता पाने का मामला है। मैं दो बार अलग जगहों पर होने के कारण टेस्ट नहीं दे पाया, लेकिन तीसरी बार देने का मेरे पास सबूत है लेकिन मेरी अपील खारिज हो गई।’ 36 साल के एसएल3 खिलाड़ी भगत ने सीएएस (खेल पंचाट) के अपील विभाग में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी जो पिछले महीने खारिज हो गई। भगत ने कहा, ‘यह मेरे लिए बड़ा नुकसान है। मैं पेरिस की तैयारी कर रहा था जो हर खिलाड़ी के लिए बड़ी बात है। मैं पदक जीत सकता था। मेरा दिल टूट गया है।’

बयान में कहा गया,’29 जुलाई 2024 को सीएएस के अपील विभाग ने भगत की अपील खारिज कर दी और सीएएस के डोपिंग निरोधक प्रभाग के एक मार्च 2024 के फैसले की पुष्टि की। उनका निलंबन अब प्रभावी है।’ यह बैन एक सितंबर 2025 तक लागू रहेगा। बिहार में जन्मे भगत ने पिछले साल फरवरी में पांचवां विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतकर चीन के लिन डैन की बराबरी की थी। भारतीय पैरा बैडमिंटन के मुख्य कोच गौरव खन्ना ने कहा, ‘यह काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। वह पैरालंपिक में मेडल की उम्मीद थे लेकिन वह योद्धा है और मुझे यकीन है कि मजबूती से वापसी करेंगे।’

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