नगर मुख्यालय में लोधी समाज महिला मंडल के द्वारा भुजलिया पर्व के अवसर पर बस स्टैंड से भुजलिया लेकर ढोल शहनाई की धुन पर रैली निकालकर दानवीर रामाबापू मोती गार्डन में महिलाओं के द्वारा भुजलिया विसर्जन किया गया,और एक दूसरे को कजरिया पर्व की बधाई दी गई। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी बालाघाट मुख्यालय में भुजलिया (कजरिया ) पर्व लोधी समाज की महिला मंडल के द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया,बुधवार को महिलाओं ने सिर पर और हाथों में भुजलिया लेकर ढोल शहनाई की धुन पर रैली निकाली जो बस स्टैंड से,काली पुतली चौक,अम्बेडकर चौक और मुख्य मार्ग होते हुए मोती गार्डन पंहुची जंहा महिलाओ ने भुजलिया रखकर उसकी पूजा अर्चना की और पारम्परिक गीत गाकर भुजली के आसपास परिक्रमा किये,इसके पश्चात भुजली का विसर्जन कर मंगल कामना की,जिसके पश्चात एक दूसरे को भुजली देकर आपसी भाई चारे के साथ एक दूसरे को बधाई दी। इस अवसर पर महिलाओ ने बताया कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और समर्पण भाव रखते हुए आपसी भाई चारा के साथ उन्नति के प्रतीक के रूप में भुजलिया को प्राचीन समय से उगाते है,और घरों में खासतौर पर 10 दिनों तक रखते है साथ साथ ही इसकी पूजा अर्चना भी किया जाता है, सावन के अंतिम सप्ताह में भुजली को बोने के बाद 10 वे दिन रक्षाबंधन के बाद भादो मास के पहले दिन इसको ग्रामीण और शहरों में धूमधाम से उत्साह पूर्ण वातावरण में विसर्जन के लिए नदी या तालाबो में ले जाते है। बालाघाट में विसर्जन के दौरान गौरी लिल्हारे, ऋतु मोहारे, अम्बिका नगपुरे, शीतल बघेले,रीता, मालिनी यशवंत लिल्हारे, ओमप्रकाश लिल्हारे उपाध्यक्ष अवन्ति बाई लोधी महासभा,श्रीमती तारा बाई नगपुरे, नीतू बघेले, रीता नगपुरे,ललिता पिछोडे, रुक्मणि नगपुरे,नेतन बम्भूरे, रेवती रानगिरे,लोधी समाज प्रमुख जितेंद्र मोहारे,महामंत्री यशवंत लिल्हारे उपाध्यक्ष ओमप्रकाश लिल्हारे,गौरीशंकर मोहारे,प्रभु दयाल पिछोडे,मुकेश माहुले,महेश मोहारे,सहित अन्य लोग मौजूद रहे।