नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में 21 अगस्त को वारासिवनी बंद का व्यापक असर देखने को मिला। इस दौरान लोगों ने एसटी एससी के आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के फैसले को पलटने संविधान संशोधन लाने को लेकर वारासिवनी पूर्णत: बंद रखा गया। जहां पर हर प्रतिष्ठान व्यापार एवं कार्य बंद रखकर हर व्यक्ति हर संप्रदाय एवं सर्व समाज के द्वारा बंद को समर्थन देकर शासन प्रशासन से मांग की गई। इस दौरान सुबह से पूरा नगर चारों खुट बंद रहा जिसमें अति आवश्यक सेवा सुबह प्रारंभ रही जिसके बाद उक्त प्रतिष्ठा भी बंद कर दिये गए केवल मेडिकल दुकान खुली रही। जिसमें आमसभा आयोजित कर समाज के पदाधिकारी व गणमान्य नागरिकों के द्वारा अपना आक्रोश व्यक्त कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर उक्त मामले में जल्द निराकरण करने की मांग की गई।
बाइक रैली का हुआ आयोजन
भारत बंद के तहत नगर बंद को लेकर एसटी एससी समाज के लोगों के द्वारा सुबह 8 बजे नगर में बाइक रैली निकाली गई। यह रैली कॉलेज चौक से प्रारम्भ हुई जो नगर के विभिन्न चौक चौराहा और गलियों का भ्रमण कर नगर में बंद की स्थिति का जायजा लिया गया। इस दौरान सभी प्रकार के प्रतिष्ठान व्यवसाय एवं कार्य बंद रहे कुछ डेरी चालू थी । जिन्होंने १० बजे वह भी बंद कर दी यह रैली पूरे नगर का भ्रमण किया जिसका समापन आदिवासी भवन में किया गया। इस दौरान पूरे नगर व ग्रामीण क्षेत्र में वाहनों पर लाउडस्पीकर से लगातार बंद बंद बंद की घोषणा की जाती रही।
पैदल रैली ने किया नगर भ्रमण
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंदर कोटे का निर्माण क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ सामाजिक बंधुओ के द्वारा बंद के तहत पैदल मार्च निकाला गया। यह पैदल मार्च नगर के विभिन्न चौक चौराहा का भ्रमण करते हुए वापस जय स्तंभ चौक पहुंचा जहां पर पैदल मार्च का समापन किया गया। इस दौरान हाथों में झंडा लेकर बड़ी संख्या में लोग अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है जय भीम जय भीम जैसे विभिन्न प्रकार के उद्घोष लगाते हुए नगर का भ्रमण किया।
आमसभा का हुआ आयोजन
नगर के जय स्तंभ चौक पर आम सभा का आयोजन किया गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसटीएससी वर्ग में कोटे के अंदर क्रीमी लेयर लागू करने के फैसले को पलटने और संविधान संशोधन लाने किए गए भारत बंद के विषय पर प्रकाश डालते हुए आम सभा को संबोधित कर आक्रोश व्यक्ति किया गया। जहां पर उपस्थित जनों के द्वारा सरकार की तानाशाही बताकर एसटी एससी से उनके अधिकार छिनने आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगाया गया। वहीं सरकारों के द्वारा किए जा रहे अत्याचार को भी लेकर जमकर आक्रोश व्यक्त किया गया कि जिस प्रकार से सरकार एसटीएससी के साथ होने का महिमामंडन करती है परंतु हर बार कहीं ना कहीं बता देती है कि वह उनके विरोध में काम कर रही है। सहित अन्य बातें कहते हुए फैसले को पलटने और अध्यादेश लाने की मांग की गई।
आमसभा में एसडीएम को सौपा ज्ञापन
नगर के जयस्तंभ चौक आमसभा स्थल पर उपस्थित लोगों के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार, प्रधानमंत्री भारत सरकार, कानून मंत्री भारत सरकार, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली, अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली, अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग दिल्ली, महामहिम राज्यपाल मध्य प्रदेश शासन के नाम का ज्ञापन एसडीएम राजीव रंजन पांडे को सौंप कर एसटी एससी वर्ग के कोटे के अंदर कोटा हुआ कोटे के अंदर क्रीमी लेयर लागू करने के फैसले को पलटने संविधान संशोधन लाने की मांग की गई। ज्ञापन में उल्लेखित है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त को दिए गए फैसले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे के अंदर कोटा और कोटा के अंदर क्रीमी लेयर निर्धारित करने का अधिकार राज्यों को देने के निर्णय पारित किया गया है। इस निर्णय से देश भर में अनुसूचित जातियां जनजातियां प्रभावित हो रही है वास्तव में वर्गीकरण करने का अधिकार राज्यों को नहीं है सहित अन्य बातों के साथ 10 सूत्रीय विषयों का निराकरण करने तत्काल कार्यवाही करने की मांग की गई है।
नगर में पुलिस रही मुस्तैद
एसटी एससी समाज के भारत बंद आव्हान पर वारासिवनी बंद को देखते हुए। इस दौरान वारासिवनी नगर ही नहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र एवं विभिन्न चौक चौराहों पर मुस्तादी के साथ पुलिस प्रशासन खड़ा रहा। जहां पर लगातार निगरानी की जाती रही थाना प्रभारी और एसडीओपी के द्वारा पूरे नगर का भ्रमण गस्त के माध्यम से किया जाता रहा। एसडीएम और तहसीलदार के द्वारा भी क्षेत्र में नजर बनाकर रखी गई ताकि शांति पूर्वक बंद संपन्न हो सके। जिसमे रैली में भारी बल लगाया गया।
जनपद अध्यक्ष माया उइके ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एसटी एससी ओबीसी वर्ग आरक्षण में है और हमें यह भ्रम में नहीं रहना है कि आज उनके साथ हुआ है कल को आपके साथ भी होगा। यह हर वर्ग की पीड़ा है ओबीसी समाज के भाइयों को भविष्य की सोचना चाहिए और जो जितने जल्दी समझेगा उसके लिए उतना अच्छा है। डॉक्टर बी आर अंबेडकर जैसा समूचे विश्व में दूसरा कोई व्यक्ति नहीं हुआ उन्होंने बिरसा मुंडा के बलिदान को आगे बढ़ाया संविधान जैसा महान ग्रंथ लिखा मुझे नहीं लगता कि यह किसी के बस का होगा। संविधान किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं पीड़ित शोषित समाज के लिए है जिसने अत्याचार सहा है और सह रहा है। संविधान से कोई छेड़खानी नहीं होगी कहा गया था तो फिर किसी भी सरकार के द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है। हमें सड़कों पर उतरने का शौक नहीं है हमारे अधिकारों के छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए और सहानुभूति आप हमारे साथ रखते हो पर उसे दिखाना भी चाहिए।
स्वप्निल डोंगरे में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना के आधार पर आरक्षण चालू हुआ था हमारे एक नेता हुए जिन्होंने विदेश में जाकर लड़ाई लड़ी सी बनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कायस्थ समाज से थे जब वह कांग्रेस अध्यक्ष बने को माहौल ऐसा बनाया गया उनके खिलाफ तो उन्हें पद छोड़ना पड़ा और विदेश जाना पड़ा। हमारा देश आजाद हुआ पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद कायस्थ समाज से बने परंतु जातिवादी व्यवस्था ने ऐसा किया कि राष्ट्रपति को बनारस में ऊंची जात के 108 लोगों के पैर धोकर पानी पीना पड़ा यह सब जाति वादी व्यवस्था थी। अभी राष्ट्रपति कोविंद हुए उन्हें पूरी के मंदिर में अंदर धक्के मारे गए राजस्थान में मंदिर में घुसने नहीं दिया। राष्ट्रपति मुर्मू को गर्भ गृह में नहीं जाने दिया राम मंदिर कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया। यह जो आरक्षण की बात हो रही है वह पूरे देश नहीं पंजाब का मसला था वह भी अलग था परंतु सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर और वर्गीकरण करने की अनुमति सरकार को दी। जिसमें कई ऐसी जातियां है जिसे हम भी नहीं जानते हैं बैकलॉग भर्ती करवाई गई उसमें एसटी एससी और ओबीसी का कोई भी सक्षम व्यक्ति नहीं मिलने पर जनरल से उन पदों को भर गया है। यह सरकारी एसटीएससी के राष्ट्रपति बनने का महिमा मंडल करती है परंतु उनके अधिकारों से लगातार छेड़छाड़ करते आ रहे हैं।