लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। नगर मुख्यालय से लगभग १२ किमी. दूर ग्राम पंचायत नैतरा स्थित ग्राम कौड़ीटोला निवासी रामेश्वर चावके के मकान के पीछे बने मीनाक्षी तालाब में बने गड्डे के पानी में रविवार को दोपहर २ बजे ५ बच्चियां बार-बार डुब रहे थे जिन्हे समय रहते ही सुरक्षित बाहर निकालकर बचा लिया गया है। साथ ही तालाब में बने गड्डे में बार-बार डुब रहे अस्वस्थ बच्चों को लालबर्रा अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां उपचार जारी है। वहीं समय रहते बच्चियोंं को तालाब में बने गड्डे से बाहर नही निकाला जाता तो बहुत बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कौड़ीटोला नैतरा निवासी रामेश्वर चावके के मकान के पीछे विगत वर्ष पूर्व ग्राम के किसी किसान के खेत में मीनाक्षी तालाब का निर्माण किया गया है। जिसका वर्तमान समय में मरम्मत कार्य करवाया जा रहा है। साथ ही तालाब की पार में लगे पेड़ों में पानी डालने के लिए तालाब के बीच में गड्डा बनाया गया है। जिसमें जमा पानी से पेड़ों में सिंचाई की जाती है। रविवार को दोपहर २ बजे कौड़ीटोला निवासी ५ वर्षीय विधि चावके, ९ वर्षीय सिद्दी चावके, कालीमाटी कटंगी निवासी ८ वर्षीय प्राची कड़वे, ३ वर्षीय रित कड़वे, ५ वर्षीय रागिनी कड़वे ये ५ बच्चियां रामेश्वर चावके के मकान के पीछे स्थित तालाब की ओर घुमने गये थे। तभी वे खेलते-खेलते मीनाक्षी तालाब के अंदर बने गड्डे में एक बच्ची अचानक गिर गई। जिसके बाद अन्य बच्चियों ने उससे देखकर उसे बचाने के लिए गड्डे में उतरे तो एक के बाद एक सभी गड्डे के पानी में डुबने लगे। जिसके बाद ९ वर्षीय सिद्दी/रामेश्वर चावके गड्डे से बाहर निकली और जोर-जोर से बचाव-बचाव कहकर चिल्लाने लगी। इसी दौरान सावंगी बीट प्रभारी वनरक्षक धर्मेन्द्र बघेल वन क्षेत्र का गस्त कर रहा था। जिसेबच्चीं के चिल्लाने की आवाज सुनाई देने पर वह तालाब की ओर जाकर देखा तो ४ बच्चीं तालाब में बने गड्डे के पानी में डुबे हुए थे। जिसके बाद ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी गई और वनरक्षक श्री बघेल व ग्रामीणों की मदद से तालाब में बने गड्डे में डुबे ४ बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस तरह से तालाब के अंदर बने गड्डे में करीब ३ से ४ फीट पानी जमा था। जिसमें बार-बार डुब रही बच्चियों को बचा लिया गया और पानी में डुबे सभी बच्चियों को स्थानीय चिकित्सक के द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया। जिसके बाद सभी अस्वस्थ बच्चियों को एम्बुलेंस से लालबर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लाकर भर्ती किया गया जहां उपचार जारी है एवं सभी बच्चियां खतरे से बाहर है। समय पर तालाब में बने गड्डे में डुबे बच्चियों को नही निकाला जाता तो बहुत बड़ा हादसा घटित हो सकता था। वहीं कालीमाटी कटंगी निवासी प्राची/केशव कड़वे, रित/केशव कड़वे, रागिनी/केशव कड़वे तीनों बहने अपने मामा के घर कौड़ीटोला नैतरा निवासी रामेश्वर चावके के घर आये थे। जो मामा की लडक़ी के साथ मकान से कुछ दुरी पर बने मीनाक्षी तालाब की ओर घुमने गये थे। इसी दौरान खेलते-खेलते ५ बच्चियां तालाब के अंदर बने गड्डे में जमा पानी में डुब गये थे लेकिन उन्हे बाल-बाल बचा लिया गया।