भीड़ नियंत्रण क्यों नहीं कर पाते हम.. कुंभ, बेंगलुरु से लेकर पुरी रथयात्रा तक, कहां हो रही है चूक?

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नई दिल्ली: ओडिशा के पुरी में रथयात्रा के दौरान मची भगदड़ ने एक बार कई सवाल खड़े कर दिए। सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि आखिर हम भीड़ नियंत्रण से चूक क्यों जाते हैं? ओडिशा में भगदड़ मचने से 3 लोगों की जान चली गई, कई लोग घायल हैं। ये अकेला मामला नहीं है, इससे पहले प्रयागराज महाकुंभ के दौरान भी भगदड़ मची थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। बेंगलुरू में भी इस बार की आईपीएल विजेता टीम आरसीबी के स्वागत समारोह के दौरान भीड़ बढ़ने से भगदड़ मच गई थी। इसमें भी कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। एक के बाद एक हुई इन घटनाओं ने वहां की सरकार-प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए।

पुरी रथयात्रा में कैसे मची भगदड़

सबसे पहले जानते हैं कि पुरी में रथयात्रा के दौरान हुआ क्या था। अधिकारियों ने बताया कि श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार को अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रक भीड़ वाली जगह पर घुस गए। ये ट्रक भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के पास पहुंच गए, भीड़भाड़ वाली जगह इनके घुसने से अफरा-तफरी मच गयी। इस भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई और लगभग 50 अन्य घायल हो गए।

भगदड़ में तीन की मौत तो सीएम का एक्शन

मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू (36), बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती (80) और प्रवती दास (42) के रूप में हुई है। भगदड़ के बाद कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन और एसपी विनीत अग्रवाल का ट्रांसफर करने का आदेश दिया। यह घटना तड़के लगभग चार बजे हुई जब हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के निकट एकत्र हुए थे।

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