१२१ वां बलिदान दिवस,आदिवासी विकास परिषद ने मनाया बिरसा मुंडा का बलिदान दिवस

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लालबर्रा नगर में 9 जून को मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद एवं अधिकारी-कर्मचारी परिषद लालबर्रा के संयुक्त तत्वाधान में बिरसा मुंडा का १२१ वां बलिदान दिवस मनाया गया।

म.प्र.आदिवासी विकास परिषद तहसील अध्यक्ष एस.एस.वल्के के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रध्दांजली अर्पित की गई जिसके बाद समाज के विकास एवं कोरोना काल में आई परेशानियों के संबंध में चर्चा कर विचार विमर्श किया गया।

इस अवसर पर वक्ताओं के द्वारा वीर शहीद बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन आदर्शोंपर चलने की प्रेरणा दी गई।

जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम सिकंदरा स्थित राजा शंकर शाह कुँवर रघुनाथ शाह आदिवासी सामुदायिक भवन में संयुक्त आदिवासी समाज संगठन के तत्वाधान में बुधवार को हर्षोल्लास के साथ क्रांतिसूर्य महानायक बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि आयोजित की गयी।

क्रांतिसूर्य महानायक बिरसा मुंडा बड़ा देव और वीरांगना रानी दुर्गावती के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि महानायक बिरसा मुंडा जन्म से ही तेज और कुशल नेतृत्व के धनी थे जिन्होंने महज 15 वर्ष की उम्र से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह करना प्रारंभ कर दिया था।

आदिवासी कोली समाज विकास समिति द्वारा भरवेली ऊंची बारंग शिव मंदिर वार्ड नंबर 3 में 9 जून को बिरसा मुंडा शहीद दिवस मनाया गया।

इसके बाद 7 जून को खैरी कांड में 26 लोगों की मृत्यु हुई उनको भी सम्मान पूर्वक श्रद्धांजलि दिया जिसमें से 6 महिला कोल समाज की सदस्य थी। जिनको याद किया गया साथ ही साथ बिरसा मुंडा अमर रहे अमर रहे का नारा दिया जल जंगल जमीन के लिए आदिवासियों के लिए लड़ते लड़ते वह शहीद हो गए उन्हें याद किया गया।

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