पीएम आवास ने बेघर कर बनाया कर्ज़दार

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 केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अति महत्वपूर्ण महत्वकांक्षी योजना हर गरीब के सिर पर पक्की छत का वादा कर शासन इससे मुकर गया। नतीजा पीएम आवास की लालसा में लोग बेघर और कर्जदार हो गए।
2 वर्ष से अधूरे आवास

शहर के वार्ड नंबर 24 वार्ड नंबर,  13 वार्ड नंबर 33 या फिर वार्ड नंबर 29 सहित अन्य स्थानों पर निवास करने वाले गरीब हितग्राहियों द्वारा पक्के मकान और मजबूत छत की लालसा में अपने पुराने मकान तोड़ दिए गए।  शासन ने पहली किस्त में 40 हजार , दूसरी किश्त में 60 हजार और तीसरी किस्त में 1 लाख रुपिये दिए। लेकिन चौथी किश्त में मिलने वाले 50 हजार रुपये जारी नही किये नतीजा के  लोग 2 साल से परेशान हो रहे है।
किराए के मकान में गुजारा- मुन्नीबाई
शहर के वार्ड नम्बर 24 निवासी  मुन्नीबाई बंशकार बताती है कि अब तक उन्हें 2 लाख मिले हैं।  जिससे केवल चार दीवार खड़ी हो सकी है। छत नहीं बनी इसलिए अभी भी किराए के मकान में रह रहे हैं।  शासन से अब यही उम्मीद है कि जल्द से जल्द पैसा दे तो मकान का काम पूरा करवा सकें।
मकान हो गया जर्जर-ईश्वरी बाई
शहर के वार्ड नंबर 24 में निवास करने वाली ईश्वरी बाई की परेशानी भी कुछ इसी तरह की है। वर्षों पुराना मकान जर्जर चुका है। बरसात में टूटी छत के नीचे कई वर्षों से गुजारा कर रहे हैं।  अब सरकार से उम्मीद है कि पैसे मिल जाए तो पक्का मकान का निर्माण कार्य पूरा हो जाए।
योजना ने किया बेघर- कमलेश
वार्ड नंबर 13 निवासी कमलेश सुरेश्वर कहते हैं कि बालाघाट शहर के सभी आवास एक जैसे कहानी है जो सरकारी पैसे का इंतजार कर रहा है वह खुले आसमान के नीचे या फिर किराए के मकान में रह रहा है और जिन्होंने मकान पूरा कर लिया है उन्होंने पैसा कर्ज में लिया है।
समूह से लिया कर्ज-दुर्गा गोस्वामी
वार्ड नंबर 13 सागौन वन दुर्गा गोस्वामी बताती है कि पक्के मकान के हाथ में उन्होंने अपना अच्छा मकान जुड़वा दिया। अब 2 साल से पॉलिथीन के छत के नीचे गुजारा कर रही हैं बारिश के समय सांप बिच्छू का डर पूरे समय सताते रहता है।
3 वर्ष से नहीं जुड़ा नाम-सुरेश
इन सबसे अलग वार्ड नंबर 24 के सुरेश बंशकार की कहानी कुछ अलग है सुरेश बताते हैं कि 3 साल से नगरपालिका कार्यालय के चक्कर लगाए इसके बाद भी पीएम आवास की सूची में नाम नहीं जुड़ा इसलिए आज भी जर्जर मकान में निवास कर रहे हैं अब कहां आवेदन करें या उन्हें समझ नहीं आ रहा उम्मीद यही है कि अगली बार सूची में नाम उनका जुड़ जाए।
वरिष्ठ स्तर से नहीं आई राशि

इसमें विषय पर जब हमने नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने यही जवाब दिया कि शासन द्वारा जैसे-जैसे राशि का आवंटन किया जा रहा है उनके द्वारा हितग्राहियों के खाते में राशि जमा करवाई जा रही है।

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