आप टमाटर के भाव में फंसे रहे, उधर इन बड़े बैंकों ने EMI बढ़ा दी, लोन हुआ महंगा

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200 रुपये किलो बिक रहे टमाटर के भाव पर देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग टमाटर और सब्जियों की कीमत में फंसे हुए हैं। इस बीच देश के तीन बड़े बैंकों ने लोन महंगा कर दिया है। देश के तीन बड़े बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर आपके होम लोन की ईएमआई को बढ़ा दिया है। आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा कर दिया है।

बढ़ गई आपकी ईएमआई

एमसीएलआर बढ़ने से इन बैंकों से मिलने वाले हर तरह के लोन (Bank Loan) चाहे वो होम लोन हो, कार लोन हो, पर्सनल लोन हो की ब्‍याज दरें बढ़ गई है। बैंक ने 1 अगस्त ने नई ब्याज दरों को लागू कर दिया है। यानी अब इन बैंकों से लोन लेने वालों की ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी। ICICI बैंक ने सभी अवधियों के लिए एमसीएलआर में 5 बीपीएस की बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ने 1 महीने का MCLR रेट को बढ़ाकर 8.40 प्रतिशत कर दिया है तो वहीं 3 महीने के लिए MCLR रेट 8.45 फीसदी, 6 महीने के लिए एमसीएलआर रेट 8.80 फीसदी और 1 साल के लिए 8.90 प्रतिशत हो गया है।

इसी तरह से बैंकऑफ इंडिया (BOI) ने एमसीएलआर में संशोधन करते हुए कुछ चुनिंदा अवधि पर एमसीएलआर दरों में बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट रेट 7.95 फीसदी, 1 महीने के लिए MCLR दर 8.15 फीसदी कर दिया है। इसी तरह से 3 महीने के लिए एमसीएलआर रेट 8.30 फीसदी तो 6 महीने की एमसीएलआर रेट 8.50 प्रतिशत पर पहुंच गया है। बैंक ने 1 साल के एमसीएलआर रेट में बढ़ोतरी कर इसे 8.70 फीसदी और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी कर दिया है।

क्या होता है एमसीएलआर

MCLR दरअअसल वह न्यूनतम ब्याज दर से होती है, जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है। बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का MCLR घोषित करना अनिवार्य होता है। MCLR बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, गाड़ियों के लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी।इसकी गणना ऋण अवधि के आधार पर की जाती है। यानी कर्जधारक को कर्ज चुकाने में कितना समय लगता है इसके आधार पर इसका कैलकुलेशन होता है। यह टेनर-लिंक्ड बेंचमार्क प्रकृति में आंतरिक है।

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