वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र में 20 जनवरी की रात में अचानक झमाझम बारिश प्रारंभ हो गई। जिसमें वारासिवनी अंतर्गत सेवा सहकारी समिति बुदबुदा कोस्ते थानेगाव कायदी सहित अन्य धान उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे रखी धन भीग गई। वही देर रात भी यह बारिश की हल्की बूंदाबांदी हुई ऐसी स्थिति में समिति के द्वारा उपज को बचाने का भरपूर प्रयास किया गया परंतु संसाधनों की कमी से आगे वह भी नतमस्तक रहे इस परिस्थिति में धान को बारिश में भीगने पड़ा। आपको बता दे की 19 जनवरी को देर रात धान खरीदी कार्य समाप्त हो गया इसी के साथ समिति के द्वारा समस्त खरीदे गये धान को स्टेक लगाकर रख दिया गया था। परंतु समय रहते जिला प्रशासन के धान परिवहन प्रभारी के द्वारा तत्परता नहीं दिखाई गई इसके कारण समिति परिसर में हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई थी। बीते दो दिनों से मौसम नरम गरम हो रहा था परंतु 20 जनवरी की रात करीब 8 बजे अचानक मोटी बूंद की तेज बारिश प्रारंभ हो गई जो करीब 20 मिनट तक चली इसके बाद देर रात में भी बारिश होती रही इससे खुले आसमान के नीचे रखे हुए धान को बारिश से भीगने पड़ा। यह जो डंप धान है वह जमीन पर रखा हुआ है और केवल ऊपर से ढाक दिया गया है जिससे आसपास से पानी उतरने या नीचे जमीन में पानी जमा होने पर धान से भरी बोरिया गीली हो गई। बारिश से उपज को बचाने मैं असमर्थ होने का मुख्य कारण समिति के पास पर्याप्त व्यवस्था न होना बताया जा रहा है। वर्तमान में 10000 से अधिक क्विंटल धान अधिकतर समितियां में रखी हुई है। उक्त संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा करने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया गया परंतु संपर्क नहीं हो पाया।
किसान जियालाल भोरगढे ने बताया कि यह धान खरीदी कार्य वर्षों से किया जा रहा है जिसकी हर जानकारी शासन प्रशासन को है कि कब क्या स्थिति हो सकती है किंतु अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मौसम जबकि खराब चल रहा है तो पर्याप्त व्यवस्था समिति को रखनी चाहिए परंतु वह धान की सुरक्षा करने में असमर्थ दिख रहे हैं यह उनका मुख्य काम है पर सुरक्षा अच्छी नहीं है तो बारिश में धान भीग गया है। परिवहन ना होने से बड़ी मात्रा में धान सोसायटी पर रखा हुआ है और जब इतनी धान का परिवहन ही नहीं हुआ है तो किसानों को इसका भुगतान भी नहीं हो पाया है। जिस पर जिला प्रशासन को गंभीरता से संज्ञान लेकर कार्य करना चाहिए।
सरपंच कन्हैया खैरवार ने बताया कि धान उपार्जन कार्य ठीक रहा और जो रखरखाव है वह भी ठीक है पर परिवहन नहीं होने से समस्या बन रही है क्योंकि व्यवस्था से ज्यादा धान का भंडारण पड़ा हुआ है। ऐसे में अचानक बारिश होने से धान भीग गई और किसानों को भी इससे समस्या है और खरीदी की तारीख भी खत्म हो गई है जबकि अभी कई किसान छूट गए हैं जिन्हें अवसर देने के लिए तिथि को आगे बढ़ना चाहिए। अब रात में जो बारिश हुई उसमें जितना ढक सकते थे उतना ढकने का प्रयास किया गया परंतु उसके बाद भी बहुत धान खुला रह गया था। इसमें जो नुकसान हुआ है उसका अंदाजा लगाना अभी संभव नहीं है यह सब परिवहन कार्य के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।