Antibody पर नया अध्‍ययन, डबल थेरेपी हो सकती है कोरोना के कई वैरिएंट के खिलाफ कारगर

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शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह कोरोना के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, उस लिहाज से एंटीबाडी उपचारों के प्रभाव पर नजर रखने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वैरिएंट के उपचार में मिश्रित थेरेपी की जरूरत पड़ने की संभावना है। कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले में इस घातक वायरस के नए वैरिएंट चुनौती पेश कर रहे हैं। इनके खिलाफ एंटीबाडी को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि डबल एंटीबाडी थेरेपी कोरोना के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हो सकती है। दो प्रकार की एंटीबाडी से तैयार इस तरह की थेरेपी चूहों में कई वैरिएंट के खिलाफ कारगर पाई गई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 के नए वैरिएंट के खिलाफ एंटीबाडी की सिंगल और मिश्रित थेरेपी को लेकर परीक्षण किया गया है। अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने मिश्रित उपचारों को दवा प्रतिरोधक क्षमता की रोकथाम में भी प्रभावी पाया है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल एस डायमंड ने कहा, ‘हमें पशुओं पर परीक्षण में कुछ चकित करने वाले परिणाम देखने को मिले। कुछ मिश्रित उपचार हमारी उम्मीदों से ज्यादा बेहतर जाहिर हुए।

इनसे सभी वैरिएंट के उपचार में दवा प्रतिरोधक क्षमता भी नहीं पाई गई।’ अमेरिकी एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस तरह की थेरेपी के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के नतीजों से जाहिर होता है कि दो एंटीबाडी के मिश्रण से तैयार सभी नहीं बल्कि कुछ उपचारों को चूहों में कोरोना के वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी पाया गया है।

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