कोविड मौत के आंकड़े पर कैसा भ्रम?

0

चीन के रास्ते हमारे देश और वहां से बालाघाट तक पहुंची कोरोना वायरस महामारी की बीमारी के मौत के आंकड़ों में सरकारी दाव पेच इतने अधिक भारी है कि जो व्यक्ति बालाघाट में पॉजिटिव हुआ है और उसकी बालाघाट में या यहां से छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज रेफर किए जाने के बाद इलाज के दौरान मौत हुई है उसे ही कोविड मृतक की श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

इस बात का प्रमाण बीते 1 वर्ष में बालाघाट जिले से बाहर गोंदिया रायपुर, नागपुर सहित अन्य स्थानों पर कोविड- पॉजिटिव मरीजों के इलाज के दौरान मौत के आंकड़ों के फेरो से दिखाई दे रहा है।

स्वयं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडे बताते हैं कि सरकारी आंकड़ों के हिसाब से बालाघाट जिले में आज दिनांक तक 19 लोगों की मौत हुई है, जो आंकड़ा वास्तविक आंकड़े से बहुत ज्यादा कम है डॉक्टर पांडे के अनुसार बालाघाट जिला छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य का सीमावर्ती जिला है। इस कारण अधिकांश लोग कोविड पॉजिटिव होने पर गोंदिया नागपुर और रायपुर में जाकर इलाज करवा रहे हैं। इलाज के दौरान लोगों की मौत भी हुई है, इन मौत के आंकड़ों को सरकारी आंकड़ों में शासन के नियमानुसार शामिल नहीं किया गया है।

निश्चित ही डॉक्टर मनोज पांडे बड़ी बेबाकी से यह बात बता रहे हैं जो जिले की भीतर मैदानी हकीकत को बयां कर रही है। कैसे लोग अच्छे इलाज के लिए कोविड-पॉजिटिव होने पर गोंदिया, नागपुर और रायपुर सहित अन्य स्थान पर इलाज के लिए जा रहे हैं।

इस दौरान निश्चित ही 95 से 98 फ़ीसदी लोग इलाज ठीक होकर वापस आ रहे हैं। लेकिन 2 से 3 फ़ीसदी लोगों की मौत भी हो रही है। इस हिसाब से लगभग 3 सैकड़ा से भी अधिक लोगों की जिले में कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मौत हो चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here