पत्नी की याद में बनवाया राधा-कृष्ण का मंदिर, मु​स्लिम कलाकारों ने की नक्काशी

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छतरपुर जिले की एक अनूठी प्रेम कहानी सामने आई है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी की याद में करोड़ों की लागत से राधा-कृष्ण का खूबसूरत मंदिर बनवाया है, जिस पर मु​स्लिम कलाकारों ने नक्काशी की है। इस मंदिर की चर्चा जिले भर में है। मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 29 मई को होगा, जिसमें 50 ​हजार से अ​धिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।

जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड के एक रिटायर ​​शिक्षक ने अपनी पत्नी की याद में एक अनूठी मिसाल पेश की है। बीपी चनसोरिया ने पत्नी की मौत के दिन ही राधा-कृष्ण का भव्य मंदिर बनवाने का मन ही मन फैसला लिया। बताया जा रहा है, इस मंदिर के निर्माण में ​रिटायर ​शिक्षक ने अपने जीवनभर की कमाई लगा दी है। मंदिर काफी खूबसूरत है। गौर से देखने पर संगमरमर के पत्थरों पर विशेष कला की नक्काशी नजर आती है। मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के मुस्लिम कलाकारों को बुलाया गया। डेढ़ करोड़ की लागत से बना यह मंदिर प्रेम और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन संपूर्ण जिले में चर्चा का ​विषय बना हुआ है।

मंदिर निर्माण के पीछे भी है एक कहानी

रिटायर ​शिक्षक चनसोरिया चनसोरिया ने बताया कि उनकी पत्नी हमेशा चित्रकूट में राधाकृष्ण का मंदिर बनवाना चाहती थीं। नवंबर 2016 में पत्नी की मृत्यु के बाद मंदिर निर्माण का कराने का संकल्प लिया। उन्होंने बताया राधा कृष्ण प्रेम के प्रतीक हैं, जिसे लोगों को सदियों तक याद रखना चाहिए। मंदिर में राधा कृष्ण के साथ, राधा की सखी ललिता और विशाखा को भी प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है।

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